गुजरात के अहमदाबाद में अलग-अलग कारखानों में बंधक बनाकर कई दिनों से भूखे-प्यासे रखे गए 50 से ज्यादा मजदूर गुरुवार को बिहार के शेखपुरा में अपने घर पहुंचे. इन्हें बंद कमरे में ठूंस कर रखा गया, मजदूरी नहीं दी गई, बिहारी कह कर मारा - पीटा गया. इनमें से कोई मजदूर शेखपुरा डीएम तक मोबाइल से मैसेज भेजने में कामयाब हुआ जिसके बाद इनकी रिहाई संभव हो पाई.
जब ये मजदूर शेखपुरा लौटे तो मजदूरों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शेखपुरा रेलवे स्टेशन पर हावड़ा- गया एक्सप्रेस ट्रेन रुकते ही 50 की संख्या में मजदूर ट्रेन से उतरे और शेखपुरा डीएम योगेंद्र सिंह जिंदाबाद के नारे लगाने लगे.
एक मजदूर ईश्वर कुमार ने कहा, "खाने पीने पर आफत आ गई थी. हम अहमदाबाद के चकुंदर थाना के चाचा बाड़ी गांव में खेतल जम्बू यूनिट 2 में बोरा सिलाई का काम करते थे. हमें वहां बंधक बना कर मारपीट किया जा रहा था".
जैसे ही एक मजदूर ने शेखपुरा डीएम को जानकारी पहुंचाई, उन्होंने इस इस मामले को गंभीरता से लिया और अहमदाबाद के डीएम से संपर्क कर बंधक मजदूरों को मुक्त कराया. ,
यहां काम करने वाले कन्हैया कुमार ने बताया कि उन लोगों से जबरन काम लिया जाता था. मना करने पर हमें बांध कर कमरे में बंद कर दिया गया. श्रम प्रवर्तक अधिकारी पृथ्वी राज पांडे ने कहा कि डीएम योगेंद्र सिंह ने सूचना मिलते ही हमें आगाह किया और उनके प्रयास से ये सभी मुक्त हो पाए.
कन्हैया कहता है कि गुजरात में बिहार के लोगों के साथ जो घटनाएं हो रही हैं, उससे वहां की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और कई छोटे कल-कारखाने बंदी के कगार पर हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2018, 18:18 IST