सीतामढ़ी का प्रशांत एक पैर के सहारे रोज जाता स्कूल जाता है (News18 Hindi)
सीतामढ़ी. महज सात साल का है प्रशांत. यह उस बच्चे का नाम है जिसके अंदर पढ़ लिख कर कुछ कर गुजरने का जज्बा भरा है. लाख परेशानियां उसकी राह में हैं मगर वह उसे बाधक नहीं बनने दे रहा. प्रशांत अपना एक पैर गंवा चुका है और वो एक पैर के सहारे प्रत्येक दिन अपने घर से तकरीबन 1 किलोमीटर दूर सरकारी स्कूल में पढ़ने जाता है. परिवार की आर्थिक बदहाली कुछ ऐसी है कि प्रशांत के लिए उसका अपना परिवार कुछ नहीं कर पा रहा है.
सीतामढ़ी के परिहार प्रखंड का मलहा टोल के प्रशांत को उसके गांव में सब जानते हैं. मलहा टोल के सरकारी स्कूल के कक्षा 2 का प्रशांत छात्र है. एक हादसे में प्रशांत अपना पैर गंवा चुका है. पिछले कई सालों से प्रशांत एक पैर के सहारे स्कूल आता जाता है. इसके घर से स्कूल की दूरी तकरीबन एक किलोमीटर है.
वीडियो देखकर आप सहज अनुमान लगा सकते हैं कि प्रशांत को एक पैर के सहारे स्कूल आने जाने में कितनी परेशानी होती होगी. लेकिन, पढ़ लिख कर कुछ कर गुजरने का जज्बा प्रशांत में ऐसा भरा है कि वह किसी भी परेशानी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहता.
बताया जाता है कि कुछ साल पहले एक गलत सुई देने की वजह से प्रशांत का एक पैर गलने लगा और शरीर से टूट कर अलग हो गया. काफी इलाज के बाद भी उसके पैर को बचाया नहीं जा सका. स्कूल की शिक्षिका प्रियंका कुमारी ने भी प्रशांत को सरकारी मदद मिल सके इसको लेकर काफी प्रयास किया. शिक्षिका के प्रयास से प्रशांत को सरकार के द्वारा महज एक वैशाखी उपलब्ध कराई जा सकी है.
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