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Siwan News: सीवान की बेटी अंशु का NASA के लिए चयन, इस विषय पर करेंगी काम

नासा में चयनित अंशु

नासा में चयनित अंशु

डॉ. अंशु का चयन दो साल के लिए नासा में राष्ट्रीय वैमानिकी व अंतरिक्ष प्रबंधन के लिए किया गया है. अंशु ने जवाहर नवोदय वि ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: अंकित कुमार सिंह

    सीवान: बिहार के सीवान जिलाकी रहने वाली डॉ. अंशु कुमारी का चयन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लिए हुआ है. अंशु अब अंतरिक्ष में खोज करेगी जो जिले के लिए गर्व का विषय है. नासा में चयन होने पर लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.

    लोगों का मानना है कि सीवान की बेटी का अमेरिका के नासा में चयन होने से जिले की अन्य लड़कियां भी प्रेरित होंगी. जिले के आंदर प्रखंड स्थित चंदौली-निवासी व बिहार विवि के प्रो. चंद्रमा सिंह की छोटी पुत्री डॉ. अंशु कुमारी का चयन दो साल के लिए नासा के तहत राष्ट्रीय वैमानिकी व अंतरिक्ष प्रबंधन के लिए किया गया है. वे अंतरिक्ष में एरोनाटिक्स ग्रहों व उपग्रह के बारे में जानकारियां जुटाकर अंतरिक्ष के क्षेत्र से जुड़े कार्यों को अंजाम देगी.

    मां की ममता से मरहूम रही अंशु की पिता ने की परवरिश

    डॉ. अंशु के दादा स्व. रामाशीष सिंह है. अंशु के पिता चंद्रमा सिंह बिहार विश्वविद्यालय के अंतर्गत केसीटीसी कॉलेज रक्सौल के जूलॉजी विभाग के सेवानिवृत वरिष्ठ व्याख्याता रहे हैं. मां स्व. सविता सिंह शिक्षा विभाग में अधिकारी थी. जिनका निधन वर्ष 2008 में हो चुका है. बचपन में ही मां की ममता की छाया से मरहूम हो चुकी अंशु के पिता ने अपने स्नेहिल परवरिश से अंशु को सपना देखने और उसे पाने के लिए प्रेरित किया. अपने स्नेह से बेटी को कभी मां की कमी नहीं खलने दी. पिता ने सदैव उत्साहवर्धन करते रहे.

    तीन वर्षों से फिनलैंड में वैज्ञानिक पद पर हैं कार्यरत

    सीवान की बेटी डा. अंशु कुमारी के पिता प्रो. चंद्रमा सिंह बताते हैं कि पिछले तीन वर्षों से फिनलैंड में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत थी. जिसके बाद डॉ. अंशु का चयन दो साल के लिए नासा में राष्ट्रीय वैमानिकी व अंतरिक्ष प्रबंधन के लिए किया गया है. यह हमारे लिए गर्व की बात है. शुरू से ही पढ़ने में मेधावी रही अंशु ने जवाहर नवोदय विद्यालय पिपाराकोट्ठी से हाई स्कूल की परीक्षा पास की.

    siइसके बाद जबलपुर के आरसीडब्ल्यू कॉलेज से बीटेक किया. एमटेक और इंटीग्रेटेड पीएचडी बैंगलोर से करने के बाद पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च के लिए अंशु फिनलैंड के हेलसिंकी यूनिवर्सिटी चली गई. जहां दो साल तक वह शोधरत रहीं. सब अमेरिकन अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लिए अंशु का चयन हो गया और अंतरिक्ष के मामलों में शोध का अवसर मिला.

    आईआईटी इंदौर ने दिया यंग साइंटिस्ट अवार्ड

    डॉ. अंशु की मेधा सदैव सम्मानित होती आई है. स्कूल व कॉलेज में कई अवार्ड पाने वाली अंशु के एस्ट्रोफिजिक्स पर आधारित थीसिस को आईआईटी रुड़की ने बेस्ट थीसिस का अवार्ड दिया. वहीं 2022 में आईआईटी इंदौर ने यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया. रांची में भी डॉ. अंशु को यंग साइंटिस्ट के अवार्ड से नवाजा गया.

    बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी डॉ. अंशु

    डॉ. अंशु अपने समर्पित प्रयासों के बल पर यद्यपि अब नासा पहुंच चुकी हैं, लेकिन सीवान की बेटियों के लिए प्रेरणा का सबब भी बन चुकी है. पिता जहां अपनी लाडली की इस शानदार सफलता पर बेहद गौरांवित महसूस कर रहे हैं तो चाचा प्रताप शेखर सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं है. क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि डॉ. अंशु की सफलता की इस कहानी को सीवान के हर बच्चा पढ़े और अभिभावक इस प्रेरक कहानी को बच्चों को अवश्य पढ़ाएं ताकि कुछ कर गुजरने की अलग जगे.

    Tags: Bihar News in hindi, Siwan news

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