रिपोर्ट: अंकित कुमार सिंह
सीवान: बिहार के सीवान जिले की रहने वाली एक ऐसी बेटी की हम बात करने जा रहे हैं जिसने इंटरमीडिएट में जिला टॉपर बनकर अपना ही नहीं बल्कि जिले का भी मान सम्मान बढ़ा दिया है.यह बेटी कोई और नहीं बल्कि सीवान जिले भगवानपुर प्रखंड के रतन पड़ौली गांव निवासी मो. यासीन और गुलनारा बेगम की पुत्री मेहरून खातून है. मेहरून खातून जिले में सर्वाधिक अंक लाकर कॉमर्स में जिला टॉपर बनी है. उन्होंने कुल 461 अंक हासिल किया है. इनके लिए जिला टॉपर बनना उतना आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया.
मेहरून खातून ने बताया कि उन्हें शुरू से ही पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है. प्रारंभिक शिक्षा के लिए भी घर से दूर जाना पड़ता था और उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन 11 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाना पड़ता था. पढ़ाई करने के लिए घर से 11 किलोमीटर गोरख सिंह कॉलेज में जाना पड़ता था. जिसके पश्चात उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर एग्जाम दिया और कॉमर्स की टॉपर बनी. मेहरून ने बताया कि किसी लड़की के लिए हर रोज 11 किलोमीटर सफर करना अपने आप पर बहुत बड़ी चुनौती थी.
मेहरून खातून 10 घंटे रोजाना करती थी पढ़ाई
मेहरून बताती है कि वे कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद 9 से 10 घंटे सेल्फ स्टडी घर पर करती थी. मेहरून ने बताया कि ठंडी, गर्मी व बरसात में साइकिल से कॉलेज जाती थी.11 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद भी लक्ष्य के प्रति थकान नहीं होता था. उन्होंने बताया कि उम्मीद थी कि जिस लिहाज से तैयारी की थी स्टेट टॉपर बनती. हालांकि थोड़ी के अंकों की वजह से चूक गयी. इसके बावजूद जिला टॉपर बनने से भी वह खुश हैं. मेहरून ने बताया कि बैंकिंग की तैयारी करनी है. जिसके लिए पढ़ाई आगे भी जारी रखेंगी.
ग्रामीण परिवेश में मेहरून खातून का हुआ है परवरिश
सीवान जिले के भगवानपुर प्रखंड के रतन पड़ौली गांव के मो. यासीन व गुलनारा बेगम की पुत्री मेहरून खातून है. वे ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी है. मेहरून के पिता विदेश में नौकरी करते हैं. जबकि माता गृहिणी है. चार बहन व एक भाई होने के वावजूद पढ़ाई में सबसे अव्वल हैं. पिता का सपना है सभी भाई-बहन पढ़ लिखकर नई ऊंचाई हासिल करें. जिनके सपनों को साकार मेहरून कर रही है. अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों व परिवार के हर सदस्य को देती है.
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