सुपौल के डीसीपी सदर इंद्र प्रकाश ने कहा कि वे इस मामले की जांच करवाएंगे.
सुपौल. बिहार के सुपौल में बच्चे की मौत के जिस मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज कर जांच करनी चाहिए थी, उस मामले में सदर थाना पुलिस ने 40 हजार रुपए दिलवा कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की है. इस खबर के साथ समझौता करवाते वक्त का वीडियो भी देख सकते हैं आप. पुलिस दबाव में किए गए समझौते से असतुंष्ट परिजनों ने भी अपनी बात रखी है. न शिकायत दर्ज की और न की कार्रवाई, बस ऑनस्पॉट समझौते करवाने का यह मामला सुपौल के सदर पुलिस थाने का है.
बता दें कि शहर के लाइफ लाइन हास्पिटल में कल कुम्हैट गांव के रहने वाले विनोद यादव ने अपने 4 साल के बेटे को भर्ती कराया था. बच्चे को सर्दी-खांसी की समस्या थी. परिजनों का कहना है कि अस्पताल में रात 10 बजे तक बच्चे का इलाज चला. जिसके बाद डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गई. इस दौरान अस्पताल वालों ने मरीज के परिजनों से करीब 60-70 हजार रुपैये ऐंठ लिए. फिर रात के 12 बजे परिजनों को बच्चे की मौत की सूचना देकर अस्पताल बंद कर दिया. तब परिजनों ने अपने बच्चे का शव मांगा तो वहां मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों ने परिजनों की जमकर पिटाई कर दी और लाश को एम्बुलेंस में डालकर अन्यत्र भेज दिया.
देखें वीडियो
आज सुबह बच्चे के परिजन अपने कुछ गांव वालों के साथ अस्पताल पर आ गए. परिजनों ने बताया कि इस बीच जाने कैसे पुलिस भी वहां पहुंच गई और मामले को रफा-दफा करने के लिए समझौते का दबाव बनाने लगी. डॉक्टर और पुलिस ने मिलकर इस मौत के मामले में चुप रहने के लिए 40 हजार रुपए देना तय किया. किसी शख्स ने तुरंत ही परिजन के साथ मौजूद किसी शख्स के फोन पे पर 20 हजार ट्रांसफर कर दिए और फिर पुलिस ने 20 हजार नकद दिलाकर मामले को वहीं रफा दफा कर दिया. इसके बाद सदर थाने से परिजनों को बच्चे की लाश दी गई. इन सारी करतूतों की वीडियो में मैनेज करते सदर थाना अध्यक्ष मनोज महतो स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं. इस बाबत सुपौल के सदर डीएसपीइंद्र प्रकाश से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह वीडियो तो हमने अभी देखा है. इस मामले की जांच करवाई जाएगी और उसके बाद ही कोईकार्रवाई की जाएगी.
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