सोशल साइट से ली गई तस्वीर
रिपोर्ट–आशीष कुमार
पश्चिम चम्पारण. अब राज्य के 17 जिलों में मीठी क्रांति यानि शहद उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहर मिशन (नेशनल बी कीपिंग एंड हनी मिशन) के तहत इनका चयन किया गया है. महिला समूहों, किसान समूहों, सहकारी समितियों को अनुदान देकर इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना है.
मधुमक्खी पालन में महिलाओं के समूह, जीविका, वेजफेड को प्राथमिकता दी जाएगी. कृषि विभाग ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को किसान समूह, सहकारी समितियों के चयन के निर्देश दिए हैं. योजना को शुरू करने हेतु चुने गए जिलों को राशि की पहली किस्त भी भेजी जा रही है.
इन जिलों को किया गया चयनित
बता दें कि केंद्र सरकर ने पहली किस्त के रुपए में 1.30 करोड़ स्वीकृत किया है. महिलाओं को मधुमक्खी पालन के लिए बढ़ावा देने के अलावा तकनीकी सहायता और मधुमक्खी पालन क्षेत्र में फूल वाले पौधों की खेती को बढ़ावा देने में इसे खर्च किया जाना है. मीठी क्रांति के लिए चयनित जिलों मेंऔरंगाबाद, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, जमुई, किशनगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी तथा वैशाली शामिल है.
विदेशों में बढ़ी बिहार के शहद की डिमांड
बिहार शहद उत्पादक प्रमुख राज्यों में से एक है. योजना का उद्देश्य मधु क्रांति यानि मीठी क्रांति लाना है. मधु क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन, मधु उत्पादन एवं अन्य उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा. खास बात यह है कि कृषि एवं गैर कृषि परिवार को रोजगार दिलाने में भी यह अहम भूमिका निभाएगा.
वर्तमान में राज्य के करीब पचास हजार लोग इससे जुड़े हुए हैं. बिहार के शहद की मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. अमेरिका, सऊदी अरब, कतर तथा मोरक्को आदि देशों में यहां की शहद की मांग सबसे ज्यादा है. ऐसे में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन शुरू होने का फायदा यहां के मधुमक्खी पालकों को पड़े पैमाने पर होगा.
.
Tags: Bihar News, Champaran news
‘खिचड़ी’ से किया था डेब्यू, अमिताभ बच्चन संग कर चुकी हैं काम, फिल्मों से ओटीटी तक है कीर्ति कुल्हारी का जलवा
न 'पठान', न द केरल स्टोरी, इस साल की टॉप Imdb रेटिंग हैं ये 6 फिल्में, कहानी दमदार, हर सीन घुमा देगा दिमाग
अरबों की लागत से बन रहा था फुटबॉल स्टेडियम, देश के लिए मनहूस हुआ साबित, अब देखना भी नहीं चाहता कोई