पुलिस इंस्पेक्टर शशि शेखर चौहान (फाइल फोटो)
बगहा. बिहार के बगहा में शनिवार को एक पुलिस इंस्पेक्टर की दर्दनाक मौत हो गई. इंस्पेक्टर शशि शेखर चौहान की मौत थाना के छत से गिरने से हो गई. थाना परिसर की सफाई करने के दौरान पुलिसकर्मियों ने उन्हें लहूलुहान स्थिति में थाना परिसर में गिरे हुए देखा, जिसके बाद इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी गई. गौरतलब हो कि पुलिस इंस्पेक्टर सह वाल्मीकिनगर के निवर्तमान थानाध्यक्ष शशि शेखर चौहान ने एसपी कार्यालय में तीन दिन पूर्व ही मद्य निषेध प्रभारी के तौर पर योगदान किया था. वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यों का प्रभार देने इंस्पेक्टर शशि शेखर चौहान वाल्मीकिनगर थाना गए थे.
शनिवार को वो अचानक थाना के नीचे बेहोशी हालत में इंस्पेक्टर लहूलुहान मिले. इंस्पेक्टर की मौत के बाद पूरे पुलिस परिवार में मातम का माहौल है. एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि मृत इंस्पेक्टर की पत्नी भी साथ टहल रही थी जिसके बयान पर यूडी मामला दर्ज किया गया है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है छत पर पैर फिसलने के कारण से उनकी मौत हो गई.
शनिवार को अनुमंडलीय अस्पताल में पुलिस इंस्पेक्टर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, उसके बाद पुलिस केंद्र बगहा में पुलिस परिवार की ओर से उन्हें सलामी देते हुए अंतिम विदाई दी गई एवं शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. इंस्पेक्टर शशि शेखर चौहान नवादा जिला के कौवापोल मधुरापुर के रहने वाले थे. उनकी पत्नी साथ में रह रही थीं. इस घटना के बाद पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है, वहीं पुलिस महकमे में मातमी सन्नाटा छाया हुआ है.
पुलिस इंस्पेक्टर सह निवर्तमान थानाध्यक्ष शशि शेखर चौहान के लिखित प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें बाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष के पद से हटाते हुए मद्य निषेध शाखा का प्रभारी बनाया था. एसपी किरण कुमार जाधव ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर सह बाल्मीकिनगर के निवर्तमान थानाध्यक्ष ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने को बाल्मीकि नगर थाना के थानाध्यक्ष पद से मुक्त करने का आग्रह किया था, जिसके आलोक में उन्हें बाल्मीकिनगर थाना के थानाध्यक्ष के पद से मुक्त करते हुए मद्य निषेध शाखा का प्रभारी बनाया गया था.
पुलिस इंस्पेक्टर स्वास्थ्य कारणों से परेशान थे, इधर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डा. के.बी.एन.सिंह ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर पुलिस इंस्पेक्टर सह निवर्तमान थानाध्यक्ष इलाज के लिए अस्पताल आए थे, जहां उन्हें इलाज के लिए बाहर जाने की सलाह दी गई थी.
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