रिपोर्ट. आशीष कुमार
पश्चिम चम्पारण. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने अस्पतालों की व्यवस्था ठीक करने को लेकर मिशन 60 अभियान चलाया था. इस अभियान का रिपोर्ट कार्ड भी जारी हो गया है. अभियान के बावजूद कई अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं दिखाई दे रही है.
दरअसल, चंपारण के ठकराहा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने के लिए वाल्मीकिनगर के विधायक धीरेन्द्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह पहुंचे, तो अस्पताल की बदहाली देख उनके होश फाख्ता हो गए. अस्पताल की छत पर रखे स्ट्रेचर पर गेहूं सुखाया जा रहा था. कचरे की ढेर में दवाइयों का अंबार पड़ा था, मौजूद बेड पर रोस्टर के मुताबिक चादर तक नहीं बीछी थी.
चेतावनी के बावजूद भी बदहाल रही स्थिति
विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह के बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इसके पहले भी दो बार उन्होंने ऐसी स्थिति देखी है. उस समय उन्होंने कड़े शब्दों में अस्पताल कर्मियों को समझाया था. लेकिन तीसरी बार जब वो पहुंचे तब भी आलम वही था. अब उन्होंने मामले को आगे तक ले जाने की बात कही है. अस्पताल में बेड की कमी थी.
कचरे में पड़ी दवाइयां, पेयजल की किल्लत, महिला व पुरुष वार्ड में गंदगी का अंबार तथा धूल मिट्टी से पटा बेड को देख अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों तथा स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रति विधायक ने नाराजगी जाहिर की. इतना ही नहीं विधायक के अनुसार जांच के दौरान अस्पताल की बदहाली और कर्मियों की मनमानी उजागर हुई है.
मैं ड्यूटी पर नहीं था-पीएचसी प्रभारी
बता दें कि अस्पताल में उस वक्त पीएचसी प्रभारी डाॅ. अशोक पांडेय ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. इसपर उन्होंने बताया कि निरीक्षण वाले दिन, यानी बुधवार को अस्पताल में उनकी ड्यूटी नहीं थी. रोस्टर के मुताबिक उनकी ड्यूटी सोमवार और मंगलवार को कर दी गई है.
बकौल प्रभारी बुधवार को अस्पताल में डॉ. अब्दुल गनी की ड्यूटी थी. चूंकि रोस्टर को अभी तक अपडेट नहीं किया गया है, इसलिए अभी भी वहां बुधवार की ड्यूटी में प्रभारी डॉ. अशोक का ही नाम दर्ज है. दूसरी ओर, इस मामले पर सिविल सर्जन डॉक्टर श्रीकांत दूबे का कहना है कि यह बेहद निंदनीय है. मामले की जांच कर उचित कार्यवायी की जाएगी.
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