शिक्षा विभाग की योजनाओं का समीक्षा करते अधिकारी.
रिपोर्ट: आशीष कुमार
पश्चिम चंपारण: जिले में संचालित ऐसे सभी सरकारी विद्यालय जो भवनहीन हैं या फिर जिनके पास अपनी खुद की जमीन नहीं है, उनको अब चिन्हित किया जा रहा है. आने वाले दिनों में इससे संबंधित कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है. दरअसल, डीएम कुंदन कुमार ने पिछले दिनों शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की थी. इस दौरान पीएम पोषण योजना, समग्र शिक्षा अभियान सहित लंबित यूसी-डीसी विपत्रों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली गई और कमियों को दूर कराने के लिए निर्देश दिए गए.
समीक्षा के क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में वर्तमान में 168 भूमिहीन/भवनहीन विद्यालय हैं. इनमें छात्र-छात्राओं को अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे भूमिहीन/भवनहीन विद्यालयों के लिए जमीन की अत्यंत आवश्यकता है. इसके बाद डीएम ने सभी डीसीएलआर और सीओ को निर्देश दिया कि भूमिहीन विद्यालयों के लिए तत्काल जमीन चिन्हित की जाए. इसके लिए लैंड बैंक की भी मदद ली जाए. उन्होंने कहा कि सभी अनुमंडल पदाधिकारी इस कार्य की लगातार समीक्षा करेंगे.
सोशल मीडिया से अब दी जा रही शिक्षा
बता दें कि उन्नयन बिहार योजना के अंतर्गत नवाचार के लिए चयनित शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा पाठ्यक्रम के अनुरूप माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं से संबंधित गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग एवं सोशल मीडिया के माध्यम से भी शिक्षा दी जा रही है. वर्तमान में फेसबुक पेज पर 12337 फॉलोअर्स हैं. ऐसे में 150 से ज्यादा विद्यालयों का भवन एवं भूमिहीन होना चम्पारण के लिए दुखद है.
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