मुंबई। उच्चतम न्यायालय द्वारा आज 2 जी स्पेक्ट्रम के सभी 122 लाइसेंस रद्द किए जाने के फैसले से नार्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनोर के भारतीय उपक्रम यूनीनोर को गहरा धक्का लगा है।
कंपनी ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया में कहा है कि इस मामले में उसके साथ सही बर्ताव नहीं हुआ है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम अदालत के फैसले का विस्तार से अध्ययन करने के बाद उन सभी विकल्पों पर विचार करेंगे जिससे भारत में कंपनी अपना कारोबार जारी रख सके। यूनीनोर नार्वे की टेलीनोर और भारत की रियलटी कंपनी यूनीटेक का संयुक्त उपक्रम है। देश में कंपनी के 3 करोड़ 60 लाख उपभोक्ता है।
उच्चतम न्यायालय ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल के दौरान 10 जनवरी 2008 के बाद नौ दूरसंचार कंपनियों को जारी सभी 122 टू जी स्पेक्ट्रम लाईसेंसो को रद्द करने का आदेश देते हुए कहा है कि लाईसेंस आवंटन में सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया कानून के अनुरूप और पारदर्शी नहीं थी।
जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी और सेंटर फार पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (पीआईएल) ने दूरसंचार कंपनियों को जारी लाईसेंस को रद्द करने के लिए अदालत में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी। याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने भाई-भतीजावाद और पक्षपातपूर्ण ढंग से लाईसेंस जारी किए थे।
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Tags: 2G scam, A Raja, Subramanian swamy, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : February 02, 2012, 09:28 IST