कहीं आप उन किसानों में तो शामिल नहीं हैं जिनसे वापस लिए जाएंगे 2000 रुपये!

फाइल फोटो
अगर अपात्र लोगों के बैंक खातों में 2000 रुपये की किस्त ट्रांसफर हुई है तो उसे हर हाल में वापस लिया जाएगा!
- News18Hindi
- Last Updated: March 8, 2019, 11:58 AM IST
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत 2,000 रुपये की पहली किस्त जारी हो चुकी है. एक अप्रैल तक दूसरी भेजने की तैयारी हो रही है. इस बीच केंद्र सरकार ने अंदेशा जताया है कि कुछ अपात्र लोगों (जो किसान नहीं हैं या बड़े किसान हैं) के खाते में भी रकम जा सकती है. पहली किस्त कुछ ऐसे लोगों को भी मिल गई है जो इसके हकदार नहीं हैं. अब ऐसे लोगों से यह रकम वापस ली जाएगी. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र लिखकर कहा है कि अगर अपात्र को पैसे मिलने की सूचना मिलती है तो उनका पैसा कैसे वापस होगा.
इस बारे में न्यूज18 हिंदी ने योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल से बातचीत की. अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक दो करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 2000-2000 रुपये पहुंच चुके हैं. अभी तक ऐसी किसी गड़बड़ी की सूचना नहीं है कि किसी अपात्र को पैसा मिला हो, लेकिन इतनी बड़ी योजना है तो संभावना बनी ही रहती है. अगर अपात्र लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे वापस तो लिया ही जाएगा. ऐसे लोगों को पैसा डीबीटी से गया है और डीबीटी से ही वापस लिया जाएगा. यह हमने राज्यों को बताया है. (ये भी पढ़ें: सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट दीजिए, खेती-किसानी के लिए 3 लाख रुपये का लोन लीजिए! )
पीएम ने गोरखपुर में लॉंच की थी किसानों की यह स्कीम
सूत्रों का कहना है कि ऐसे लाभार्थी अपने बैंक को ट्रांजैक्शन वापस करने की अर्जी दें. बैंक इस पैसे को अलग अकाउंट में डाले और सरकार को वापस करे. राज्य सरकारें लाभार्थियों को पैसे रिफंड करने में मदद करें. राज्य अपात्रों से पैसे वापस लेकर https://bharatkosh.gov.in/ में जमा कराएं. यही नहीं अगली किस्त जारी होने से पहले ऐसे लोगों का नाम हटाया जाए.इसलिए आधार में दी गई ढील
'कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक योजना की दूसरी किस्त 01 अप्रैल, 2019 से जारी की जाएगी. दूसरी किस्त के लिए मंत्रिमंडल ने आधार को अनिवार्य बनाया था. लेकिन अब इसमें ढील दी गई है. कृषि मंत्रालय के एक बयान में लिखा गया है, 'हालांकि दूसरी किस्त के लिए शत-प्रतिशत आधार डेटा प्राप्त करना कठिन है, क्योंकि इसके लिए बायोमैट्रिक प्रमाणन की जरूरत है. नामों की वर्तनी में अंतर से बड़े पैमाने पर लाभार्थियों के नाम रद्द हो जाएंगे.'
'लाभार्थियों के आधार ब्यौरे को प्रमाणित करने के कारण दूसरी किस्त को जारी करने में विलंब होगा. दूसरी किस्त को जारी करने की तिथि 01 अप्रैल, 2019 है. विलंब से किसानों में असंतोष बढ़ेगा, इसलिए आधार शर्त में ढील दी गई है. यह शर्त तीसरी किस्त जारी करने के लिए मान्य होगी. दूसरी किस्त के लिए केवल आधार संख्या को ही अनिवार्य माना जाएगा. भुगतान से पहले सरकार आंकड़ों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी.' (ये भी पढ़ें: खेती से बंपर मुनाफा चाहिए तो इन 'कृषि क्रांतिकारी' किसानों से लें टिप्स!)
किसानों को पीएम मोदी का ये संदेश मिला था
कुछ दूसरी ओर जौनपुर और हिमाचल प्रदेश के कुछ किसान ऐसे हैं जिनके खाते में आई रकम अचानक वापस चली गई. वे अब परेशान हैं.लेकिन इस योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है. असली किसानों के खाते में आया पैसा क्यों वापस हो रहा है इसकी जानकारी संबंधित राज्य दे पाएंगे. क्योंकि योजना का पैसा केंद्र सरकार के खाते से सीधे नहीं जा रहा. केंद्र सरकार राज्यों के अकाउंट में पैसा भेजती है फिर उस अकाउंट से किसानों तक पैसा पहुंचता है.
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इस बारे में न्यूज18 हिंदी ने योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल से बातचीत की. अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक दो करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 2000-2000 रुपये पहुंच चुके हैं. अभी तक ऐसी किसी गड़बड़ी की सूचना नहीं है कि किसी अपात्र को पैसा मिला हो, लेकिन इतनी बड़ी योजना है तो संभावना बनी ही रहती है. अगर अपात्र लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे वापस तो लिया ही जाएगा. ऐसे लोगों को पैसा डीबीटी से गया है और डीबीटी से ही वापस लिया जाएगा. यह हमने राज्यों को बताया है. (ये भी पढ़ें: सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट दीजिए, खेती-किसानी के लिए 3 लाख रुपये का लोन लीजिए! )

'कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक योजना की दूसरी किस्त 01 अप्रैल, 2019 से जारी की जाएगी. दूसरी किस्त के लिए मंत्रिमंडल ने आधार को अनिवार्य बनाया था. लेकिन अब इसमें ढील दी गई है. कृषि मंत्रालय के एक बयान में लिखा गया है, 'हालांकि दूसरी किस्त के लिए शत-प्रतिशत आधार डेटा प्राप्त करना कठिन है, क्योंकि इसके लिए बायोमैट्रिक प्रमाणन की जरूरत है. नामों की वर्तनी में अंतर से बड़े पैमाने पर लाभार्थियों के नाम रद्द हो जाएंगे.'
'लाभार्थियों के आधार ब्यौरे को प्रमाणित करने के कारण दूसरी किस्त को जारी करने में विलंब होगा. दूसरी किस्त को जारी करने की तिथि 01 अप्रैल, 2019 है. विलंब से किसानों में असंतोष बढ़ेगा, इसलिए आधार शर्त में ढील दी गई है. यह शर्त तीसरी किस्त जारी करने के लिए मान्य होगी. दूसरी किस्त के लिए केवल आधार संख्या को ही अनिवार्य माना जाएगा. भुगतान से पहले सरकार आंकड़ों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी.' (ये भी पढ़ें: खेती से बंपर मुनाफा चाहिए तो इन 'कृषि क्रांतिकारी' किसानों से लें टिप्स!)

कुछ दूसरी ओर जौनपुर और हिमाचल प्रदेश के कुछ किसान ऐसे हैं जिनके खाते में आई रकम अचानक वापस चली गई. वे अब परेशान हैं.लेकिन इस योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है. असली किसानों के खाते में आया पैसा क्यों वापस हो रहा है इसकी जानकारी संबंधित राज्य दे पाएंगे. क्योंकि योजना का पैसा केंद्र सरकार के खाते से सीधे नहीं जा रहा. केंद्र सरकार राज्यों के अकाउंट में पैसा भेजती है फिर उस अकाउंट से किसानों तक पैसा पहुंचता है.
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