नई दिल्ली. पिछले साल बाजार में आने वाले आईपीओ (IPO) ने निवेशकों को खूब आकर्षित किया था और जमकर पैसे भी बटोरे थे. बाजार में लिस्टिंग के समय भी इनकी कीमतों में खूब उछाल आया, लेकिन जनवरी महीने की बड़ी गिरावट ने करीब 38 फीसदी आईपीओ को घुटनों पर ला दिया.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 2021 में 42 कंपनियों ने शेयर बाजार में डेब्यू किया. इसमें से 38 फीसदी यानी करीब 16 कंपनियों के शेयर अब अपने इश्यू प्राइस से भी नीचे पहुंच गए हैं. आलम ये है कि हर तीन में से एक आईपीओ बिक्री भाव से भी कम पर ट्रेडिंग कर रहे हैं. मार्च 2020 के बाद भारतीय आईपीओ बाजार पर इस महीने सबसे ज्यादा मुसीबत आई है. जनवरी में बीएसई आईपीओ इंडेक्स 10 फीसदी तक टूट चुका है. सबसे ज्यादा गिरावट वाले आईपीओ में जोमैटो, पेटीएम, नायका जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं, जिन पर निवेशकों को बड़ा भरोसा था. आईपीओ से 3.5 हजार करोड़ से अधिक का फंड जुटाने वाली 46 फीसदी कंपनियों को अब नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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जुटाया था इतने अरब डॉलर का रिकॉर्ड फंड
बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग से पहले इन कंपनियों ने अपने रिटेल और एंकर निवेशकों से 18 अरब डॉलर से अधिक पूंजी जुटाई थी, जो भारतीय शेयर बाजार में अब तक का रिकॉर्ड है. सोमवार को आई दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट के दौरान जोमैटो के शेयर 20 फीसदी नीचे आ गए. इसी तरह, नायका में 13 फीसदी और पेटीएम में 4 फीसदी की गिरावट आई थी. 2021 में सबसे बड़ा आईपीओ लाने वाले पेटीएम के शेयरों का भाव अपने उच्चतम स्तर से 50 फीसदी से भी नीचे आ चुका है.
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