996 वर्क कल्चर से परेशान चीन के कर्मचारी, कम सैलरी और काम के दबाव के कारण कर रहे सुसाइड...!

कम सैलरी से नाखुश हैं चीन के कर्मचारी
चीनी नागरिकों में 996 वर्क कल्चर (996 work culture) के खिलाफ भारी आक्रोश है. कम सैलरी और खुद के साथ हो रहे बर्ताव से नाखुश कर्मचारी आत्महत्या कर रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 19, 2021, 9:05 AM IST
पड़ोसी देश चीन में 996 वर्क कल्चर (996 Work Culture) अपने पांव जमा चुका है. चीन की टेक कंपनियों में जारी इस कल्चर के खिलाफ चीनी नागरिकों में भारी आक्रोश है. अधिक काम के दबाव, कम सैलरी और अपने साथ होने वाले भेदभाव के कारण टेक कंपनियों, खासकर ई-कॉमर्स सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी आत्महत्या कर रहे हैं. चीन में सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर कर्मचारियों के लिए तनाव वाला बन गया है. 996 वर्क कल्चर में व्यक्ति सप्ताह में 6 दिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करता है.
कोरेना वायरस महामारी के दौरान ई-कॉमर्स सेक्टर के कर्मचारियों ने सर्दी में भी टनों सब्जी, चावल, मांस और अन्य फूड आइटम्स की आपूर्ति की. उनके मालिक तो अमीर होते गए, लेकिन कर्मचारियों के घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया. चीन में ई-कॉमर्स कर्मचारी अपनी सैलरी और खुद के साथ हो रहे बर्ताव से इतने नाखुश हैं कि आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में अलाबाबा ग्रुप के एक कर्मचारी ने विरोध जताते हुए आत्मदाह कर लिया, हालांकि वह अभी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है.
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996 वर्क कल्चर में 12 घंटे काम करते हैं कर्मचारीटेक कंपनियों में व्हाइट कॉलर जॉब करने वाले कर्मचारियों की सैलरी अन्य इंडस्ट्रीज से अच्छी है, लेकिन कर्मचारियों को हर रोज 12 घंटे से अधिक काम करना होता है. कर्मचारियों की इस दुर्दशा पर लोगों का ध्यान उस समय गया जब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पिंडडूओ के दो कर्मचारियों की मौत हो गई. चीनी सोशल मीडिया पर बात होने लगी कि अधिक काम करने की वजह से इन कर्मचारियों की मौत हुई है. इसके बाद इसे चिंता की बात बताते हुए सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने काम के घंटे कम करने की वकालत की है.
अलीबाबा ग्रुप के कर्मचारी ने की आत्महत्या
अलीबाबा ग्रुप की ई-कॉमर्स कंपनी Ele.me के एक डिलिवरी ड्राइवर ने सैलरी नहीं मिलने के कारण आत्मदाह कर ली. चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस आत्मदाह के वीडियो में दिख रहा है कि Ele.me के एक डिलिवरी ड्राइवर ने अपने पैसों की मांग करते हुए खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा लिया. लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और लुई जिन नाम के इस ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज चल रहा है.
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डिलिवरी ड्राइवरों की स्थिति बेहद खराब
चीनी की ई-कॉमर्स कंपनियों में ऑर्डर की डिलिवरी करने वाले ड्राइवरों की स्थिति बेहद खराब है. उन्हें हर रोज कम से कम 12 घंटे काम करना होता है और एक बार डिलिवरी करने के बदले 10 युआन यानी 1.55 डॉलर से कम मेहनताना मिलता है. वहीं, ऑर्डर में देरी होने पर ड्राइवरों पर 1 युआन की पेनाल्टी लगाई जाती है. अगर कस्टमर ने शिकायत कर दी तो ड्राइवरों पर 500 युआन यानी 77.30 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही ऐसे कर्मचारियों को फुल-टाइम कर्मचारी की तरह मेडिकल इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं. (ये खबर मनीकंट्रोल हिंदी से ली गई है)
कोरेना वायरस महामारी के दौरान ई-कॉमर्स सेक्टर के कर्मचारियों ने सर्दी में भी टनों सब्जी, चावल, मांस और अन्य फूड आइटम्स की आपूर्ति की. उनके मालिक तो अमीर होते गए, लेकिन कर्मचारियों के घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया. चीन में ई-कॉमर्स कर्मचारी अपनी सैलरी और खुद के साथ हो रहे बर्ताव से इतने नाखुश हैं कि आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में अलाबाबा ग्रुप के एक कर्मचारी ने विरोध जताते हुए आत्मदाह कर लिया, हालांकि वह अभी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है.
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996 वर्क कल्चर में 12 घंटे काम करते हैं कर्मचारीटेक कंपनियों में व्हाइट कॉलर जॉब करने वाले कर्मचारियों की सैलरी अन्य इंडस्ट्रीज से अच्छी है, लेकिन कर्मचारियों को हर रोज 12 घंटे से अधिक काम करना होता है. कर्मचारियों की इस दुर्दशा पर लोगों का ध्यान उस समय गया जब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पिंडडूओ के दो कर्मचारियों की मौत हो गई. चीनी सोशल मीडिया पर बात होने लगी कि अधिक काम करने की वजह से इन कर्मचारियों की मौत हुई है. इसके बाद इसे चिंता की बात बताते हुए सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने काम के घंटे कम करने की वकालत की है.
अलीबाबा ग्रुप के कर्मचारी ने की आत्महत्या
अलीबाबा ग्रुप की ई-कॉमर्स कंपनी Ele.me के एक डिलिवरी ड्राइवर ने सैलरी नहीं मिलने के कारण आत्मदाह कर ली. चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस आत्मदाह के वीडियो में दिख रहा है कि Ele.me के एक डिलिवरी ड्राइवर ने अपने पैसों की मांग करते हुए खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा लिया. लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और लुई जिन नाम के इस ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज चल रहा है.
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डिलिवरी ड्राइवरों की स्थिति बेहद खराब
चीनी की ई-कॉमर्स कंपनियों में ऑर्डर की डिलिवरी करने वाले ड्राइवरों की स्थिति बेहद खराब है. उन्हें हर रोज कम से कम 12 घंटे काम करना होता है और एक बार डिलिवरी करने के बदले 10 युआन यानी 1.55 डॉलर से कम मेहनताना मिलता है. वहीं, ऑर्डर में देरी होने पर ड्राइवरों पर 1 युआन की पेनाल्टी लगाई जाती है. अगर कस्टमर ने शिकायत कर दी तो ड्राइवरों पर 500 युआन यानी 77.30 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही ऐसे कर्मचारियों को फुल-टाइम कर्मचारी की तरह मेडिकल इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं. (ये खबर मनीकंट्रोल हिंदी से ली गई है)