प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में The Aadhar and Other Laws (Amendment) Bill, 2019 को मंजूरी मिल गई है. इसका मतलब साफ है कि यह
Aadhar and Other Laws (Amendment) Ordinance, 2019 की जगह लेगा. सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधन वही थे जो 2 मार्च 2019 को राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए अध्यादेश में थे. इस विधेयक को संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा. अब सवाल उठता है कि इससे आम आदमी पर क्या असर होगा.
आइए जानें इसके बारे में...
(1) सरकार की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि इस फैसले से आधार पर अब रेग्युलेटर UIDAI को लोगों के हित में फैसले लेने और आधार के गलत प्रयोग को रोकने में मदद मिलेगी.
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(2) किसी भी व्यक्ति को आधार के जरिए अपनी पहचान को प्रमाणित करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा.
(3) संसद की ओर से बनाए गए कानून के तहत कुछ मामलों में अपनी पहचान के लिए इसे पेश करना जरूरी होगा.
(4) बैंक खाता खोलने के लिए आधार दिखाना जरूरी नहीं होगा और मोबाइल सिम के लिए आधार देना अनिवार्य नहीं होगा. बारह अंकों के वास्तविक आधार नंबर की बजाय एक वर्चुअल आइडेंटिटी से भी अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे.
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(5) बच्चों को भी 18 साल के बाद अपना आधार नंबर रद्द कराने का अधिकार है.
(6) केंद्र और राज्य सरकार सिर्फ वहीं पहचान प्रमाणित करने के लिए आधार जरूरी कर सकती है, जहां अथॉरिटी द्वारा निर्धारित सुरक्षा संबंधी चिंताएं हों.यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया फंड के गठन का प्रस्ताव रखा गया है.
(7) आधार एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 1 करोड़ रुपये तक की सिविल पेनाल्टी लगाई जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : June 13, 2019, 14:12 IST