एअर इंडिया को खरीदने की तैयारी में कर्मचारी, जानिए क्या है उनका प्लान

सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया
एअर इंडिया (Air India) को संकट से उबारने के लिए अब कर्मचारी भी तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए प्रति कर्मचारी 1 लाख रुपये से भी कम का भार होगा. 14 दिसंबर को एअर इंडिया की बिडिंग के लिए अंतिम डेडलाइन है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 4:19 PM IST
नई दिल्ली. करीब 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज में डूबी सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया (Air India) को अब मुश्किल से उबारने में कर्मचारियों का एक समूह मददगार साबित हो सकता है. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एअर इंडिया के कुछ कर्मचारी फाइनेंशियल पार्टनर्स के साथ मिलकर बिडिंग में हिस्सा ले सकते हैं. केंद्र सरकार भी लंबे समय से एअर इंडिया में विनिवेश (Air India Disinvestment) की तैयारी कर रही है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से विनिवेश प्रक्रिया में पहले ही देरी हो चुकी है.
प्लान के अनुसार, संकटग्रस्त इस विमान कंपनी को मौजूदा स्थिति से उबारने और 51 फीसदी की हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए प्रति कर्मचारी 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं खर्च करना होगा. जबकि, अन्य 49 फीसदी की हिस्सेदारी निवेशकों के पास रहेगी. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है.
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प्राइवेट इक्विटी फंड के जरिए निवेश करने की तैयारी में कर्मचारीसंबंधित कर्मचारियों के बीच सर्कुलेट हो रहे एक इंटरनल नोट के हवाले से कहा गया है कि इन कर्मचारियों के समूह ने एक प्राइवेट इक्विटी फंड (Private Equity Fund) से एअर इंडिया में निवेश करने के लिए संपर्क किया है. इसमें कर्मचारियों के लिए 51 फीसदी और निवेशकों के लिए अन्य 49 फीसदी का प्लान है. कर्मचारियों के इस समूह ने प्राइवेट इक्विटी फंड को इसलिए निवेश के लिए चुना है, क्योंकि उनके पास व्यक्तिगत तौर पर निवेश करने का साधन नहीं है.
प्रति कर्मचारी एक लाख रुपये से ज्यादा का भार नहीं
कहा गया है कि कर्मचारियों को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) पूरा होने से पहले पैसों की चिंता नहीं करनी होगी. पहले स्टेज के सफलतापूर्वक पूरा हो जाने के बाद एक प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें किसी भी कर्मचारियों को एक लाख रुपये से ज्यादा का योगदान नहीं देना होगा.
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14 दिसंबर है बिडिंग डेडलाइन
हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टाटा ग्रुप (Tata Group) भी एअर इंडिया में निवेश की तैयारी कर रही है. बता दें कि महाराजा की संस्थापक टाटा ग्रुप ही है. ऐसे में अगर संभावना है कि टाटा ग्रुप के हाथ में एक बार फिर एअर इंडिया की कमान जा सकती है. ज्ञात हो कि बिडिंग के लिए डेडलाइन 14 दिसंबर तय किया गया है. इसके बाद क्वॉलिफाईड बिडर्स को 28 दिसंबर तक चुने जाने के बारे में जानकारी दी जाएगी.
प्लान के अनुसार, संकटग्रस्त इस विमान कंपनी को मौजूदा स्थिति से उबारने और 51 फीसदी की हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए प्रति कर्मचारी 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं खर्च करना होगा. जबकि, अन्य 49 फीसदी की हिस्सेदारी निवेशकों के पास रहेगी. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है.
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प्राइवेट इक्विटी फंड के जरिए निवेश करने की तैयारी में कर्मचारीसंबंधित कर्मचारियों के बीच सर्कुलेट हो रहे एक इंटरनल नोट के हवाले से कहा गया है कि इन कर्मचारियों के समूह ने एक प्राइवेट इक्विटी फंड (Private Equity Fund) से एअर इंडिया में निवेश करने के लिए संपर्क किया है. इसमें कर्मचारियों के लिए 51 फीसदी और निवेशकों के लिए अन्य 49 फीसदी का प्लान है. कर्मचारियों के इस समूह ने प्राइवेट इक्विटी फंड को इसलिए निवेश के लिए चुना है, क्योंकि उनके पास व्यक्तिगत तौर पर निवेश करने का साधन नहीं है.
प्रति कर्मचारी एक लाख रुपये से ज्यादा का भार नहीं
कहा गया है कि कर्मचारियों को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) पूरा होने से पहले पैसों की चिंता नहीं करनी होगी. पहले स्टेज के सफलतापूर्वक पूरा हो जाने के बाद एक प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें किसी भी कर्मचारियों को एक लाख रुपये से ज्यादा का योगदान नहीं देना होगा.
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14 दिसंबर है बिडिंग डेडलाइन
हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टाटा ग्रुप (Tata Group) भी एअर इंडिया में निवेश की तैयारी कर रही है. बता दें कि महाराजा की संस्थापक टाटा ग्रुप ही है. ऐसे में अगर संभावना है कि टाटा ग्रुप के हाथ में एक बार फिर एअर इंडिया की कमान जा सकती है. ज्ञात हो कि बिडिंग के लिए डेडलाइन 14 दिसंबर तय किया गया है. इसके बाद क्वॉलिफाईड बिडर्स को 28 दिसंबर तक चुने जाने के बारे में जानकारी दी जाएगी.