विश्व की टॉप-10 डेयरी कंपनियों में शामिल हुई Amul, जानिए कैसे हुई थी कंपनी की शुरुआत

डेयरी ब्रांड अमूल
डेयरी बिजनेस में बड़ी छलांग लगाते हुए अमूल (Amul) दुनिया के टॉप-10 डेयरी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 5:48 PM IST
नई दिल्ली. डेयरी ब्रांड अमूल (Amul) एक ऐसा नाम जो आम आदमी की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. आज के टाइम में चाहें सुबह की चाय हो या नाश्ता सभी घरों में अमूल के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, डेयरी बिजनेस में बड़ी छलांग लगाते हुए अमूल दुनिया के टॉप-10 डेयरी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है.
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation Ltd.) के मैनेजिंग डायरेक्टर आर एस सोढ़ी ने ट्वीट कर बताया, ''आईएफसीएन की ताजा रैंकिंग में अमूल आठवें पायदान पर पहुंच गई है. उनके मुताबिक साल 2012 की रैंकिंग में अमूल 18वें स्थान पर थी.''
हाल ही में कंपनी ने पूरे किए 75 साल
बता दें कंपनी ने 1945-46 में कारोबार शुरू किया था. इसकी शुरुआत Bombay Milk Scheme के साथ हुई थी. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सहकारी योजना की नींव रखी थी.उसके बाद 14 दिसंबर 1946 को सहकारी सोसाइटी के तौर पर इसका रजिस्ट्रेशन हुआ. जब कंपनी ने अपना कारोबार शुरू किया था तो कंपनी की क्षमता सिर्फ 250 लीटर प्रतिदिन की थी. इस समय कंपनी के कुल 7.64 लाख मेंबर्स हैं और कंपनी हर रोज करीब 33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करती है. कंपनी की रोजाना 50 लाख लीटर की हैंडलिंग क्षमता है. कंपनी का पूरी दुनिया के दूध उत्पादन में 1.2 प्रतिशत हिस्सा है.
कैसे हुई थी Amul की शुरुआत?
दूध उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर करने के अलावा किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए वर्गीज कुरियन इसकी शुरुआत की थी. कुरियन को 'भारत का मिल्कमैन' भी कहा जाता है. एक समय जब भारत में दूध की कमी हो गई थी, कुरियन के नेतृत्व में भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ. उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की. साल 1949 में उन्होंने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की. भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे. इससे पहले गाय के दूध से पाउडर का निर्माण किया जाता था.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है नाम
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है अमूल-अमूल का ''Utterly Butterly campaign'' सबसे ज्यादा चलने वाला विज्ञापन था और इसको गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था.
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation Ltd.) के मैनेजिंग डायरेक्टर आर एस सोढ़ी ने ट्वीट कर बताया, ''आईएफसीएन की ताजा रैंकिंग में अमूल आठवें पायदान पर पहुंच गई है. उनके मुताबिक साल 2012 की रैंकिंग में अमूल 18वें स्थान पर थी.''
Amul ranked #8 in the list of top 20 dairy processors in the world as per IFCN's latest ranking. We were #18 in 2012, that too operating mainly in one state of one country @girirajsinghbjp @Amul_Coop pic.twitter.com/0wy6fRolAY
— R S Sodhi (@Rssamul) December 1, 2020
हाल ही में कंपनी ने पूरे किए 75 साल
बता दें कंपनी ने 1945-46 में कारोबार शुरू किया था. इसकी शुरुआत Bombay Milk Scheme के साथ हुई थी. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सहकारी योजना की नींव रखी थी.उसके बाद 14 दिसंबर 1946 को सहकारी सोसाइटी के तौर पर इसका रजिस्ट्रेशन हुआ. जब कंपनी ने अपना कारोबार शुरू किया था तो कंपनी की क्षमता सिर्फ 250 लीटर प्रतिदिन की थी. इस समय कंपनी के कुल 7.64 लाख मेंबर्स हैं और कंपनी हर रोज करीब 33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करती है. कंपनी की रोजाना 50 लाख लीटर की हैंडलिंग क्षमता है. कंपनी का पूरी दुनिया के दूध उत्पादन में 1.2 प्रतिशत हिस्सा है.
कैसे हुई थी Amul की शुरुआत?
दूध उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर करने के अलावा किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए वर्गीज कुरियन इसकी शुरुआत की थी. कुरियन को 'भारत का मिल्कमैन' भी कहा जाता है. एक समय जब भारत में दूध की कमी हो गई थी, कुरियन के नेतृत्व में भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ. उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की. साल 1949 में उन्होंने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की. भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे. इससे पहले गाय के दूध से पाउडर का निर्माण किया जाता था.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है नाम
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है अमूल-अमूल का ''Utterly Butterly campaign'' सबसे ज्यादा चलने वाला विज्ञापन था और इसको गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था.