Avoid Falling Into Debt Trap: हर किसी के जीवन में कभी ना कभी आर्थिक संकट आता है. हालांकि जीवन में पैसों की कमी ना हो इसके लिए आदमी शुरू से ही फाइनेंशियल प्लानिंग बनाकर चलता है, फिर भी एक समय ऐसा आता है जब उसे अपने नाते-रिश्तेदार या फिर बैंक से कर्ज लेना पड़ता है. लेकिन कर्ज चुकाना सभी के लिए आसान नहीं होता है.
कई बार लोग पुराना कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज ले लेते हैं. और कर्ज के जाल में फंसते चले जाते हैं. हालांकि कर्ज से निकलना भी बहुत आसान होता है. बस आर्थिक संकट के समय संयम और समझदारी की जरूरत होती है. यहां हम कुछ ऐसे टिप्स पर चर्चा कर रहे हैं जिन्हें आर्थिक संकट में अपनाकर कर्जे से आसानी से मुक्ति पाई जा सकती है.
बचत बढ़ाने की जरूरत
कोरोना महामारी ने हमें परिवार और बचत का महत्व अच्छी तरह से समझा दिया है. मुसीबत के समय केवल अपना परिवार और जोड़ा हुआ पैसा ही काम आता है. कोरोना काल में बहुत से लोगों की नौकरी चली गई. तमाम लोगों को सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ा. इसलिए जरूरत है बचत पर फोकस किया जाए. सैलरी आने पर सबसे पहले उसमें से बचत का हिस्सा का हिस्सा निकालें, फिर बची हुई सैलरी का घर खर्च में इस्तेमाल करें. खर्चों को कंट्रोल करके बचत पर ध्यान दें.
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लोन से बचें
आज बाजार में तमाम बैंक और फाइनेंशियल संस्था खुले हाथों से कर्ज बांट रही हैं. रोजाना क्रेडिट कार्ड और लोन वालों के फोन तकरीबन हर किसी के पास आते हैं, जो कहते हैं कि बिना किसी खानापूर्ति के लोन ले लो. हमारे-आपके चारों ओर कर्ज लेने वालों ने ऐसा आकर्षक जाल बिछाया हुआ है, जो हर किसी को अपनी ओर खींचता है. हमें इस आकर्षण से बचना है. अगर कर्ज लेना भी पड़े तो कभी भी पाइवेट संस्था ने कर्ज ना लें. प्रतिष्ठित बैंक से ही लोन लें.
पहले कर्ज चुकाएं
अगर आपने पहले से कोई कर्ज है तो सबसे पहले उसे चुकाएं. छोटे कर्जों को एकमुश्त चुका देना चाहिए. और अगर एक से अधिक कर्ज ले रखे हैं तो जिसपर ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है उसे सबसे पहले चुकाने का प्रयास करें. अतिरिक्त मेहनत से आप अलग से कमाई कर रहे हैं तो उस पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए करें.
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लोन रीस्ट्रक्चर करवाएं
अगर आपने क्रेडिट कार्ड से लोन लिया हुआ है तो उसे रीस्ट्रक्चर करवाया जा सकता है. क्रेडिट कार्ड के लोन पर ज्यादा ब्याज देने पड़ता है. रिस्ट्रक्चर की सुविधा कई बैंक देते हैं. रिस्ट्रक्चर में क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम को पर्सनल लोन में बदल दिया जाता है. और पेनाल्टी भी माफ कर दी जाती है.
ध्यान रखें कि कर्ज चुकाने के लिए कभी भी दूसरा लोन ना लें. अगर कर्ज ज्यादा है तो आप उसे अपना सोना, जमीन, या फिर फंड आदि के आधार पर चुकाने की कोशिश करें. क्योंकि भले ही आपके पास सोना ना हो, जमीन ना हो तो भी चैन से सो सकते हैं. लेकिन मामूली सा भी कर्ज किसी भी आदमी की खुश-शांति को छीन सकता है.
भले ही हमारे यहां- ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत् वाला श्लोक प्रचलन में हो, लेकिन इसे श्लोक ही रहने दें, हकीकत में ना बदलें. क्योंकि यह श्लोक एक तंज हैं. ना कि जीवन के लिए आदर्श वाक्य.
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