एक्सपर्ट्स का कहना है कि एफडी में निवेश करने वालों के लिए बेहतर रिटर्न पाने का यह अच्छा मौका है. (फ़ोटो: न्यूज18)
नई दिल्ली. RBI द्वारा रेपो रेट में वृद्धि किए जाने की वजह से एफडी की दरें फिर से बढ़ रही हैं. ज्यादातर बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि एफडी में निवेश करने वालों के लिए बेहतर रिटर्न पाने का यह अच्छा मौका है. कई बार निवेशकों को इमरजेंसी में एफडी के मेच्योर होने से पहले ही पैसे निकालने पड़ते हैं. ऐसे में बैंकों का क्या नियम होता है, इसे जानना बहुत जरूरी है.
एफडी को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि इसमें निवेशकों को निश्चित रिटर्न दिया जाता है. लेकिन, मेच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर इसके नियम बदल जाते हैं. हम आपको एफडी की विभिन्न कैटेगरी के लिए मेच्योरिटी से पहले पैसे निकालने के प्रमुख बैंकों के नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो निवेश के लिए इस तरह के परंपरागत तरीकों को अपनाते हैं. लेकिन एफडी करवाने से पहले हमें उससे जुड़े विभिन्न नियमों को समझ लेना जरूरी है.
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मेच्योरिटी से पहले एफडी से पैसे निकालने के नियम
ज्यादातर एफडी प्लान में आपको समय से पहले पैसे निकालने का ऑप्शन दिया जाता है. लेकिन इसके लिए बैंक कुछ पेनल्टी चार्ज करते हैं. आमतौर पर ये चार्जेज एफडी की ब्याज दर के 0.5 फीसदी से 3 फीसदी तक होता है. अगर आप मेच्योरिटी से पहले एफडी से पैसे निकालकर किसी और जगह निवेश करते हैं तो कुछ बैंक इसके लिए कोई पेनाल्टी वसूल नहीं करते हैं. आप बैंक या NBFC की नजदीकी ब्रांच में जाकर या उसके मोबाइल ऐप और नेट बैंकिंग के जरिए एफडी को मेच्योरिटी से पहले बंद कर सकते हैं.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
स्टेट बैंक 5 लाख रुपये तक की एफडी में से मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर 0.5 फीसदी की पेनाल्टी लगाता है. वहीं निवेश की राशि 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 1 फीसदी के हिसाब से पेनाल्टी लगाई जाती है. इसके अलावा स्टेट बैंक सात दिनों से कम समय के लिए जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं देता है.
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
ICICI बैंक में अगर आप मैच्योरिटी से पहले 5 करोड़ रुपये से कम की एफडी एक वर्ष से कम समय में बंद कर देते हैं तो बैंक 0.5 फीसदी की पेनल्टी लगाता है. वहीं 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की एफडी वाला अकाउंट पांच साल के बाद बंद कर दिया जाता है तो उस पर बैंक 1.5 फीसदी और पांच साल से कम समय पर 1 फीसदी पेनाल्टी लगाता है.
बजाज फाइनेंस और महिंद्रा फाइनेंस
बजाज फाइनेंस में अगर एफडी अकाउंट 3 से 6 महीने के बीच बंद कर दिया जाता है तो एफडी पर कोई ब्याज नहीं मिलता है. छह महीने के बाद एनबीएफसी नियम और शर्तों के अनुसार समय से पहले पैसे निकालने पर 2-3 फीसदी का ब्याज जुर्माना लगाया जाता है. वहीं पहले तीन महीनों में यह निकासी की अनुमति नहीं देता है. महिंद्रा फाइनेंस एफडी को समय से पहले बंद करने के नियम बजाज फाइनेंस की तरह ही हैं.
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