बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक माह के लिए MCLR को घटाया
नई दिल्ली. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने MCLR रिवाइज करने के बारे में जानकारी दी है. बैंक ने इस संबंध में शुक्रवार को जानकारी दी. इसके बाद अब एक महीने की परिपक्वता अवधि का MCLR 7.65 फीसदी से घटाकर 7.60 फीसदी कर दिया है. स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग (Stock Exchange Filling) में बैंक ने यह भी बताया है कि एमसीएलआर में इस नए रिवीजन को 12 जनवरी 2020 से लागू भी कर दिया जाएगा.
इसी के साथ इस बैंक में एक रात के लिए MCLR टेन्योर के लिए 7.65 फीसदी, एक महीने के लिए 7.60 फीसदी, तीन मीहने के लिए 7.80 फीसदी, छह महीने के लिए 8.10 फीसदी और एक साल के लिए 8.25 फीसदी हो गया है.
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इंडियन बैंक ने भी किया था रिवाइज
बता दें कि गत 3 जनवरी को इंडियन बैंक (Indian Bank) ने भी विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिए को रिवाइज किया था. इंडियन बैंक ने 1 रात की परिपक्वता अवधि वाले एमसीएलआर को 7.95 फीसदी से घटाकर 7.90 फीसदी किया था.
कैसे तय होता है MCLR?
मार्जिनल का मतलब होता है- अलग से या अतिरिक्त. जब भी बैंक लेंडिंग रेट तय करते हैं, तो वे बदली हुई स्थितियों में खर्च और मार्जिनल कॉस्ट को भी कैलकुलेट करते हैं. बैंकों के स्तर पर ग्राहकों को डिपॉजिट पर दिए जाने वाली ब्याज दर शामिल होती है. MCLR को तय करने के लिए चार फैक्टर को ध्यान में रखा जाता है. इसमें फंड का अतिरिक्त चार्ज भी शामिल होता है. निगेटिव कैरी ऑन CRR भी शामिल होता है. साथ ही, ऑपरेशन कॉस्ट औक टेन्योर प्रीमियम शामिल होता है.
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पुराने कस्टमर को भी होता है फायदा
MCLR फॉर्मूले का फायदा नए कस्टमर के साथ ही पुराने कस्टमर को भी मिलता है. जिस कस्टमर ने MCLR बदलने से पहले लोन लिया है और उसका लोन लेंडिंग रेट फॉर्मूले से जुड़ा हुआ है, तो MCLR घटने के साथ ही उसकी EMI कम हो जाती है.
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