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मैसेज आया और लिंक खोलते ही खाता खाली, RBI की नसीहत नहीं मानी! लग गया 1 लाख का चूना

गुरुग्राम में महिला के बैंक अकाउंट से 1 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई. (सांकेतिक तस्वीर)

गुरुग्राम में महिला के बैंक अकाउंट से 1 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई. (सांकेतिक तस्वीर)

हरियाणा के गुरुग्राम में एक महिला से कथित रूप से 1 लाख रुपये की ठगी हो गई. पीड़िता के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें लिं ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

महिला के मोबाइल पर बैंक अकाउंट को बंद होने से बचाने के लिए मैसेज आया था.
मैसेज पर दिए गए लिंक को क्लिक करने के बाद महिला के खाते से 1 लाख रुपये कट गए.
पीड़ित महिला ने गोपनीय जानकारी साइबर अपराधियों के साथ शेयर कर दी थी.

नई दिल्ली. मैसेज और ईमेल के जरिए बैंकिंग धोखाधड़ी (Banking Fraud) के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हैरानी की बात है कि तमाम तरीकों से समझाने के बावजूद लोग साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस रहे हैं. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक महिला से कथित रूप से 1 लाख रुपये की ठगी हो गई. पीड़िता के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें लिंक पर जाकर जरूरी जानकारी मांगी गई थी. ऐसा करते ही इस लेडिज के अकाउंट से 1 लाख रुपये डेबिट हो गए.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गुरुग्राम डीएलएफ फेज-5 में रहने वाली माधवी दत्ता बैंक ठगी की शिकार हुई. हालांकि, यह पहला मामला नहीं देश में हर रोज साइबर क्रिमिनल अलग-अलग तरीकों लोगों का चूना लगाते हैं.

मैसेज आया और एक क्लिक में खाता खाली
पीटीआई के मुताबिक, पीड़िता माधवी दत्ता के मोबाइल पर 21 जनवरी को एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था, ‘डियर यूजर, आपका एचडीएफसी अकाउंट आज बंद हो जाएगा, यहां क्लिक करें और मोबाइल नंबर से अपना पैन कार्ड नंबर लिंक करें.’

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पुलिस को दी अपनी शिकायत में माधवी दत्ता ने कहा “उसने लिंक पर क्लिक किया, जो उसे एक वेबपेज पर ले गया, वहां मुझे डिटेल्स देने के लिए कहा गया. उसके बाद मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आया. जैसे ही मैंने ओटीपी दर्ज किया, मेरे खाते से एक लाख रुपये काट लिए गए. मैंने कई बार साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल किया, लेकिन कनेक्ट नहीं हुआ और अंत में साइबर पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कराई.” महिला शिकायत के बाद शुक्रवार को साइबर अपराध, पूर्वी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419 और 420 (धोखाधड़ी) के तहत अज्ञात जालसाजों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली.

बता दें कि बैंकिंग फ्रॉड को अंजाम तभी दिया जा सकता है जब साइबर क्रिमिनल्स के पास आपकी बैंकिंग और मोबाइल से जुड़ी निजी जानकारी होती है. इसलिए ग्राहकों को अपने क्रेडिट कार्ड नंबर, यूपीआई पिन, डेबिट कार्ड की जानकारी आदि किसी को भी नहीं देनी चाहिए. वहीं, बैंक या वित्तीय कंपनियां ग्राहकों से कभी इस तरह की जानकारी नहीं मांगती है.

Tags: Banking fraud, Cyber Crime, Digital Transaction in India, Online fraud

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