नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी का कोई वास्तविक मूल्य (Intrinsic Value) नहीं है और यह किसी पोंजी स्कीम से भी बदतर हो सकती है. अच्छा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाए. ये कहना है भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर (T Rabi Sankar) का. उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की वकालत करते हुए कहा शायद यही सबसे बेहतर विकल्प होगा.
शंकर ने कहा है कि हमने उन तर्कों की जांच की है, जो इस बात की वकालत करते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट किया जाना चाहिए. हमने जांच में पाया कि उनमें से कोई भी बुनियादी जांच में खरा नहीं उतर पाया है. उन्होंने कहा, हमने देखा कि क्रिप्टो-प्रौद्योगिकी सरकारी नियंत्रण से बचने के लिए एक दर्शन (Philosophy) पर आधारित है. क्रिप्टोकरेंसी को खास तौर से रेगुलेटेड फाइनेंशियल सिस्टम को बायपास करने के लिए विकसित किया गया है.
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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कि हमने यह भी देखा है कि क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, परिसंपत्ति या कमोडिटी के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है. उनके पास कोई अंतर्निहित कैश फ्लो नहीं है. टी रबी शंकर ने कहा, उन्हें औपचारिक वित्तीय प्रणाली से दूर रखने के लिए ये पर्याप्त कारण होने चाहिए. इसके अलावा, ये वित्तीय अखंडता, विशेष रूप से KYC रेजिम और एएमएल/सीएफटी नियमों को कमजोर करते हैं और कम से कम संभावित रूप से असामाजिक गतिविधियों की सुविधा प्रदान करते हैं.
इससे पहले भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के खिलाफ बोल चुका है. उसने बार-बार कहा है कि इसे मान्यता देने से देश की सुरक्षा को खतरा पैदा होगा. इसके अलावा इकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी के लिए भी ठीक नहीं है.
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बीते शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharman) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर राज्यसभा में बड़ा बयान देते हुए कहा कि टैक्स लगाने का मतलब ये नहीं कि क्रिप्टोकरेंसी वैध हो गई है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी के मुनाफे पर टैक्स लगाया है. सरकार ने इसे वैध बनाने, प्रतिबंध लगाने या रेगुलेट करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. उन्होंने कहा था, “जब हमें इसके बारे में पूरा इनपुट मिल जाएगा, फिर यह फैसला होगा.”
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गौरतलब है कि बजट 2022-23 में वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स (Tax on crypto) लगाने की बात कही गई थी. इसके अलावा इसके ट्रांजेक्शन पर भी 1 फीसदी टीडीएस (TDS on Crypto) लगाने का ऐलान किया गया था. इससे यह माना जा रहा था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगलाइज करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है. लेकिन, शुक्रवार को निर्मला सीतारमण के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि क्रिप्टो पर सरकार की पॉलिसी क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है.
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