Small Savings Schemes: ये सरकारी योजनाएं दे रही हैं 7.6% तक ब्याज, मैच्योरिटी पर मिलेगा डबल मुनाफा

इन स्कीम में निवेश कर करें अपने भविष्य को सुरक्षित
अगर आप भी अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं तो आज हम कुच ऐसी छोटी बचत योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें आपको डबल मुनाफा होगा. साथ पैसा सुरक्षित रहने की पूरी गारंटी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 10:53 AM IST
नई दिल्ली. किसी भी व्यक्ति की जमा पूंजी उसके अच्छे बुरे वक्त में सबसे अधिक काम आती है. निवेश (Investment) करना भविष्य को सुरक्षित करने के लिहाजा से एक अच्छा फैसला माना जाता है. ऐसे में स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Savings Schemes) सबसे बेहतर विकल्प मानी जाती हैं. ये योजनाएं ग्राहकों को 7.6 फीसद तक उच्च ब्याज दर देती है. 15 साल की लॉक इन अवधि वाली पीपीएफ (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र जैसी योजनाएं काफी अच्छा रिटर्न दे रही हैं.
1. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
देश की सबसे सुरक्षित और सबसे अच्छा ब्याज देने वाली स्कीम सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (पीपीएफ) है. इस स्कीम के तहत पैसे जमा करने पर एक और फायदा इनकम टैक्स की छूट का भी मिलना है. इस प्रकर से यह स्कीम सबसे अच्छी जमा योजना हो जाती है. अगर आप पीपीएफ में 4000 रुपये महीने जमा करेंगे तो आप कुल मिलाकर 15 साल में 7.20 लाख रुपये जमा करेंगे. वहीं इस जमा पैसे पर आपको 5.81 लाख रुपये ब्याज के रूप में मिलेगा. इस प्रकार आपको कुल मिलाकर 1,301,827 रुपये वापस मिलेगा.
ये भी पढ़ें : खुशखबरी! बेरोजगारों को मिलेगी राहत, इस रिटेल पॉलिसी से 4 साल में पैदा होंगी 30 लाख नौकरियां2. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
यह योजना 10 साल से कम उम्र की बच्चियों की शिक्षा और शादी के लिए है. इसमें निवेशक को 7.6 फीसदी का रिटर्न मिलता है. इस योजना के तहत निवेशक को खाता खोलने की तारीख से 15 साल की अवधि तक राशि जमा करनी होती है, जमा की जाने वाली अधिकतम राशि 150,000 रुपये हो सकती है. खाता खोलने की तारीख से 21 साल बाद अकाउंट मैच्योर होता है. इस निवेश योजना के तहत आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का अधिकतम टैक्स लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
3. राष्ट्रीय पेंशन योजना
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को केंद्र सरकार ने जनवरी में 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया था. 2009 में इसे निजी सेक्टर के कर्मियों के लिए भी शुरू कर दिया गया. इसमें लंबी अवधि में निवेश कर रिटायरमेंट के बाद जहां मंथली पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं, वहीं एक मुश्त रकम मिलने का भी प्रावधान है. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत NPS 50,000 और उससे अधिक की अतिरिक्त कटौती का प्रावधान करता है.
4. सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS)
60 साल से ऊपर की आयु के भारतीय नागरिक व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से इस योजना के तहत अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस योजना का प्रारंभिक कार्यकाल पांच साल का है, जिसे तीन साल की अवधि के लिए केवल एक बार बढ़ाया जा सकता है. इस योजना के तहत 7.4 प्रतिशत की ब्याज दर प्राप्त होती है जो तिमाही आधार पर मिलती है. इस योजना के तहत जमा राशि धारा 80C के तहत सालाना 1,50,000 रुपये तक की कटौती के योग्य है. इस योजना के तहत मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है लेकिन आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत निवेशक इस योजना के तहत प्राप्त ब्याज पर 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.
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5. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
यह योजना 5 साल की परिपक्वता के साथ एक निश्चित आय योजना है जिसमें ब्याज को डिफ़ॉल्ट रूप से रीइनवेस्ट किया जाता है. एक निवेशक सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है. इसके अलावा अर्जित ब्याज टैक्स ब्रेक के अंदर शामिल किया जाता है. इस योजना से लाभ के साथ 5 साल के लिए एक स्थिर रिटर्न प्राप्त होता है.
1. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
देश की सबसे सुरक्षित और सबसे अच्छा ब्याज देने वाली स्कीम सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (पीपीएफ) है. इस स्कीम के तहत पैसे जमा करने पर एक और फायदा इनकम टैक्स की छूट का भी मिलना है. इस प्रकर से यह स्कीम सबसे अच्छी जमा योजना हो जाती है. अगर आप पीपीएफ में 4000 रुपये महीने जमा करेंगे तो आप कुल मिलाकर 15 साल में 7.20 लाख रुपये जमा करेंगे. वहीं इस जमा पैसे पर आपको 5.81 लाख रुपये ब्याज के रूप में मिलेगा. इस प्रकार आपको कुल मिलाकर 1,301,827 रुपये वापस मिलेगा.
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यह योजना 10 साल से कम उम्र की बच्चियों की शिक्षा और शादी के लिए है. इसमें निवेशक को 7.6 फीसदी का रिटर्न मिलता है. इस योजना के तहत निवेशक को खाता खोलने की तारीख से 15 साल की अवधि तक राशि जमा करनी होती है, जमा की जाने वाली अधिकतम राशि 150,000 रुपये हो सकती है. खाता खोलने की तारीख से 21 साल बाद अकाउंट मैच्योर होता है. इस निवेश योजना के तहत आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का अधिकतम टैक्स लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
3. राष्ट्रीय पेंशन योजना
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को केंद्र सरकार ने जनवरी में 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया था. 2009 में इसे निजी सेक्टर के कर्मियों के लिए भी शुरू कर दिया गया. इसमें लंबी अवधि में निवेश कर रिटायरमेंट के बाद जहां मंथली पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं, वहीं एक मुश्त रकम मिलने का भी प्रावधान है. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत NPS 50,000 और उससे अधिक की अतिरिक्त कटौती का प्रावधान करता है.
4. सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS)
60 साल से ऊपर की आयु के भारतीय नागरिक व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से इस योजना के तहत अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस योजना का प्रारंभिक कार्यकाल पांच साल का है, जिसे तीन साल की अवधि के लिए केवल एक बार बढ़ाया जा सकता है. इस योजना के तहत 7.4 प्रतिशत की ब्याज दर प्राप्त होती है जो तिमाही आधार पर मिलती है. इस योजना के तहत जमा राशि धारा 80C के तहत सालाना 1,50,000 रुपये तक की कटौती के योग्य है. इस योजना के तहत मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है लेकिन आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत निवेशक इस योजना के तहत प्राप्त ब्याज पर 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.
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5. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
यह योजना 5 साल की परिपक्वता के साथ एक निश्चित आय योजना है जिसमें ब्याज को डिफ़ॉल्ट रूप से रीइनवेस्ट किया जाता है. एक निवेशक सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है. इसके अलावा अर्जित ब्याज टैक्स ब्रेक के अंदर शामिल किया जाता है. इस योजना से लाभ के साथ 5 साल के लिए एक स्थिर रिटर्न प्राप्त होता है.