नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक मामले में घर खरीदारों (Home Buyers) को बड़ी राहत देने वाला फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर्स (Builders) घर खरीदारों को एकतरफा शर्तें (One-Sided Agreement) मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (Consumer Protection Act) के तहत फ्लैट बायर्स एग्रीमेंट की एकतरफा शर्तों को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस (UTP) करार दिया है. दरअसल, एक याचिका में सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने साफ किया कि अगर बिल्डर ने खरीदार को तय समय पर फ्लैट हैंडओवर नहीं किया तो उसे बायर को पूरे पैसे वापस देने होंगे. यही नहीं, मौजूदा मामले में डेवलपर 9 फीसदी ब्याज के साथ पूरी रकम लौटाएगा.
आदेश का पालन नहीं करने पर चुकाना होगा 12 फीसदी ब्याज
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने कहा कि अगर चार सप्ताह के भीतर डेवलपर ने 9 फीसदी ब्याज के साथ खरीदार को पैसे नहीं लौटाए तो उसे पूरी रकम 12 फीसदी ब्याज के साथ लौटानी होगी. इंडिया लीगल लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पूरी रकम 1.60 करोड़ रुपये है. बता दें कि डेवलपर ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट इस मामले में विचार कर रहा था कि कब्जा देने के लिए 42 महीने की अवधि को बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के दिन या फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट मिलने के दिन में से किस के बाद से माना जाए.
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रेरा के साथ ही उपभोक्ता अदालत में भी जा सकता है खरीदार
शीर्ष अदालत मौजूदा मामले में विचार कर रहा था कि क्या बिल्डर बायर एग्रीमेंट की शर्तें एकतरफा और बिल्डर के हित में हैं. साथ ही यह भी तय किया जाना था कि क्या रेरा (RERA) के होते हुए भी कोई खरीदार उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) में जा सकता है. इस मामले में बिल्डर ने घर खरीदार को दूसरे प्रोजेक्ट में घर लेने की पेशकश की. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'ये खरीदार की मर्जी है कि वह बिल्डर की बात माने या नहीं. उसे दूसरी जगह घर लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. इसे उपभोक्ता कानून 1986 के तहत गलत बताया गया और इस तरह की शर्त को एग्रीमेंट में डालने को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-2(1)(R) के खिलाफ बताया. कोर्ट ने ये भी कहा कि खरीदार रेरा के साथ ही उपभोक्ता अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकता है.
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Tags: Indian real estate sector, Property market, Real estate market, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : January 13, 2021, 22:30 IST