नई दिल्ली. जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2019 में अपना पहला केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश किया, तो उन्होंने बजट ब्रीफकेस को “बही-खाता” से बदलकर देश का ध्यान आकर्षित किया. बही-खाता चुनने का निर्णय ब्रीफकेस कैरी करने की औपनिवेशिक प्रथा (colonial practice) को खत्म करने के लिए एक कदम प्रतीत होता है. “बजट ब्रीफ़केस” औपनिवेशिक युग का हिस्सा था. यह ग्लैडस्टोन बॉक्स (Gladstone Box) की नकल थी, जिसे ब्रिटिश वित्त मंत्री अपना बजट पेश करते समय संसद में ले गए थे.
भारत के लोगों ने अपने घरों, पास-पड़ोस की दुकानों और छोटे उद्यमों ने वर्षों से बही-खाते का इस्तेमाल करके अपने बजट का प्रबंधन किया है. ये लोगों के दिलो-दिमाग में बस चुका है. जब भी कहीं कुछ लेन-देन की बात होती है तो बही-खाता निकाला जाता है.
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इसी को ध्यान में रखते हुए 2020 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे जारी रखा और बही-खाता का उपयोग करते हुए अपना बजट प्रस्तुत किया. उन्होंने विशेष रूप से कहा था कि यह समय भारत के “ब्रिटिश हैंगओवर” को छोड़ने का है. उन्होंने यह भी कहा था कि ब्रीफकेस की तुलना में बही-खाता ले जाना आसान था.
हालांकि, पिछले साल यानी 2021 में, बही-खाता ने की जगह पर एक टैबलेट का इस्तेमाल किया गया. दरअसल, इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” कार्यक्रम की दिशा में एक कदम की तरह पेश किया गया. उस समय की रिपोर्टों में कहा गया था कि टैबलेट “मेड इन इंडिया” था, जो एक आत्मनिर्भर राष्ट्र का संदेश देता था.
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पिछले साल सरकार ने “केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप” (Union Budget Mobile App) भी लॉन्च किया, ताकि सब लोगों को बजट दस्तावेजों को आसानी से एक्सेस करने में सक्षम बनाया जा सके.
कई दशकों से समय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बजट प्रेजेंटेशन में बदलाव हुए हैं. 1947 में, भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शणमुखम चेट्टी (Shanmukham Chetty) ने बजट प्रेजेंटेशन के लिए एक चमड़े का पोर्टफोलियो बैग कैरी किया था.
1970 के आसपास वित्त मंत्रियों ने एक हार्डबाउंड बैग का इस्तेमाल शुरू किया. इसका रंग अलग-अलग वर्षों से बदलता रहा. अगला बड़ा बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में दूसरे कार्यकाल के लिए भारी बहुमत हासिल करने के बाद आया और औपनिवेशिक विरासत को छोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि 1 फरवरी 2022 को देश के सामने बही-खाता (Union Budget 2022) रखा जाएगा. संसद (Parliament) का बजट सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा और 8 अप्रैल को खत्म होगा. सत्र का पहला भाग 11 फरवरी को खत्म होगा. एक महीने के अवकाश के बाद सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से शुरू होगा और आठ अप्रैल को खत्म होगा.
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