नई दिल्ली. बीएसई ने बुधवार को कहा कि पंजीकृत निवेशक खातों की संख्या ने 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. दूसरी बात ये कि सबसे तेज वृद्धि दर्ज करते हुए खातों को 9 करोड़ से 10 करोड़ तक पहुंचने में 91 दिन लगे.
BSE ने रिकॉर्ड 85 दिनों में 8 करोड़ से 9 करोड़ तक का सफर पूरा करते हुए 15 दिसंबर को 9 करोड़ का आंकड़ा छुआ था. 2008 में बीएसई केवल 1 करोड़ खातों तक ही पहुंचा था.
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बीएसई के सीईओ आशीष चौहान ने ट्वीट किया कि बीएसई 10 करोड़ (100 मिलियन) पंजीकृत निवेशक खातों के लैंडमार्क पर पहुंच गया है. बधाई हो भारत!
किन-किन राज्यों में ज्यादा बढ़े निवेशक
मणिपुर, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, ओडिशा, असम और अरुणाचल प्रदेश में निवेशक खातों में सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई है, जो साल-दर-साल 100-300 प्रतिशत की सीमा में बढ़ रही है. असम ने 286 प्रतिशत की सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की. देशभर में विकास दर साल-दर-साल 58 फीसदी थी.
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आश्चर्य नहीं कि महाराष्ट्र, जहां पर अधिकांश ब्रोकर और एक्सचेंज हैं, में सबसे अधिक ग्राहक 2.06 करोड़ या बीएसई में कुल निवेशक खातों का लगभग 21 प्रतिशत हैं. गुजरात 1.01 करोड़ खातों के साथ दूसरे स्थान पर है, वहां से 11 प्रतिशत अकाउंट आते हैं.
पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण नए निवेशकों की बाजार में एंट्री रही है. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में डीमैट खाते दोगुने से अधिक हो गए हैं.
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