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एक्सपोर्टर्स को सस्ते और आसान शर्तों पर मिलेगा लोन, बजट में हो सकती है इस स्कीम की घोषणा

सरकार बजट में एक्सपोर्टर्स के लिए खास स्कीम 'निर्विक' (Nirvik) लागू करने की घोषणा कर सकती है. CNBC-आवाज़ को मिली एक्सक् ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. सरकार बजट में एक्सपोर्टर्स के लिए खास स्कीम 'निर्विक' (Nirvik) लागू करने की घोषणा कर सकती है. CNBC-आवाज़ को मिली एक्सक्वलूसिव जानकारी के मुताबिक इस Nirvik के तहत एक्सपोर्टर्स को सस्ते और आसान शर्तों पर ज्यादा से ज्यादा लोन मिल सकेगा. अभी कोई भी एक्सपोर्टर्स (Exporters) जब अपना सामान बाहर भेजता है तो जितने का सामान का भेजता है उसका जब तक पेमेंट नहीं आता है, डिफॉल्ट का खतरा बना रहता है. एक्सपोर्टर्स उस पूरे सामान का बीमा कराता है. अभी ये बीमा किसी स्कीम के तहत होता है. उस बीमा पर पूरे एक्सपोर्ट के रकम का 60 फीसदी तक बीमा होता है.

    निर्विक स्कीम लागू होने पर अब 60 फीसदी नहीं 90 फीसदी तक उनके सामान का बीमा हो सकेगा. 90 फीसदी तक बीमा मिलने पर उसके अगले शिपमेंट के लिए वो कर्ज ले सकेंगे तो कर्ज की रकम बढ़ जाएगी. ये भी पढ़ें: लाखों लोगों का PF खाता हुआ ब्लॉक, आप भी ऐसे करें पता



    Nirvik यानी निर्यात ऋण विकास योजना में इंश्योरेंस प्रीमियम पर सब्सिडी देने का भी प्रावधान होगा. सरकार एक खास हिस्से पर सब्सिडी देगी ताकि इंश्योरेंस प्रीमियम का भी बोझ एक्सपोर्टर्स पर न पड़े. इतना नहीं जो आपका डिफॉल्ट होता है उसका क्लेम एक महीने के भीतर 50 फीसदी मिल जाएगा.

    रुपये में मिलने वाला एक्सपोर्ट क्रेडिट रेट 8 फीसदी से नीचे रहेगा. इस स्कीम में प्री-शिपमेंट और पोस्ट शिपमेंट दोनों का बीमा कवर होगा. पेमेंट डिफॉल्ट होने पर बीमा की रकम जल्द मिलेगी. बता दें कि सितंबर में उद्योग मंत्री ने स्कीम लाने का ऐलान किया था. अभी तक ये स्कीम लागू नहीं हो पाई है. एक फरवरी को आने वाले बजट में इस स्कीम को लागू करने का फैसला हो सकता है.

    निर्विक योजना 2019 की मुख्य विशेषताएं:
    >> बीमा कवर की गारंटी मूलधन और ब्याज के 90% तक होगी.
    >> बढ़े हुए कवर से यह सुनिश्चित होगा कि निर्यातकों के लिए विदेशी और रुपये निर्यात लोन की ब्याज दर क्रमशः 4 प्रतिशत और 8 प्रतिशत से नीचे है.
    >> बीमा कवर में प्री और पोस्ट-शिपमेंट क्रेडिट दोनों शामिल होंगे.
    >> 80 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा वाले रत्न, आभूषण और हीरा (GJD) क्षेत्र के उधारकर्ताओं के पास उच्च हानि अनुपात के कारण इस श्रेणी के गैर-जीजेडी क्षेत्र के उधारकर्ताओं की तुलना में उच्च प्रीमियम दर होगी. ये भी पढ़ें: खाली बर्थ के लिए ट्रेन में अब नहीं काटने होंगे टीटीई के चक्कर, रेलवे ने शुरू की नई सर्विस


    >> 80 करोड़ रुपये से कम की सीमा वाले खातों के लिए, प्रीमियम दरें प्रति वर्ष 0.60 तक सीमित होंगी और 80 करोड़ रुपये से अधिक के लिए, समान संवर्धित कवर के लिए दरें 0.72 प्रतिवर्ष होंगी.
    >> यह ईसीजीसी अधिकारियों द्वारा बैंक के दस्तावेजों और अभिलेखों के निरीक्षण को 1 करोड़ रुपये के मुकाबले 10 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे के लिए अनिवार्य करता है.
    >> बैंक मूलधन और ब्याज पर मासिक ईसीजीसी को एक प्रीमियम का भुगतान करेंगे क्योंकि दोनों बकाया के लिए कवर की पेशकश की जाती है. ये भी पढ़ें: सिर्फ 10 साल बन जाएं कंजूस, इस सरकारी स्कीम में बन जाएगा 23 लाख रुपये का फंड



    निर्विक योजना 2019 के लाभ:
    >> यह निर्यातकों के लिए ऋण की पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ाएगा. यह भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा. यह ईसीजीसी प्रक्रियाओं को निर्यातक के अनुकूल बना देगा.
    >> दावों के त्वरित निपटान के कारण पूंजीगत राहत, कम प्रावधान की आवश्यकता और तरलता के कारण बीमा कवर में ऋण की लागत में कमी आने की उम्मीद है.
    >> यह निर्यात क्षेत्र के लिए समय पर और पर्याप्त कार्यशील पूंजी सुनिश्चित करेगा.

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    (लक्ष्मण रॉय, इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर- CNBC आवाज़)

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