नई दिल्ली. महामारी के बीच अगले महीने पेश होने वाले आम बजट 2022 (Budget 2022) से लोगों के साथ इंडस्ट्री को भी काफी उम्मीदे हैं. सरकार भी लोगों को राहत देने के लिए इस बजट में कई कदम उठा सकती है. इसके तहत 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) के लिए आयकर कानून (Income Tax Act) के सेक्शन 80C (Section 80C) के तहत एक अलग टैक्स बकेट बनाया जा सकता है. सब्सक्राइबर्स के हित में एन्युटी को टैक्स फ्री (Tax Free Annuity) किया जा सकता है.
लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Life Insurance Industry) ने बजट 2022-23 को देखते हुए सरकार को 80C के तहत दी जाने वाली छूट में लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए अलग बकेट बनाने और बीमाधारकों के लिए पेंशन लाभ (एन्युटी) को टैक्स फ्री करने का सुझाव दिया है. पहले से ही ऐसी मांग उठती रही है कि टैक्स छूट में 1.50 लाख रुपये की लिमिट कम पड़ रही है. इसे सरकार को बढ़ाना चाहिए. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करने वाली हैं.
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एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के सीएमओ व उत्पाद प्रमुख कार्तिक रमन का कहना है कि इस समय टैक्स छूट के लिए 1.50 लाख रुपये का बकेट काफी अव्यवस्थित है. इसमें लाइफ इंश्योरेंस के जरिये टैक्स छूट का पूरा लाभ पाने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है. हम छूट के मामले में टैक्स लाभ के लिए एक अलग बकेट चाहते हैं क्योंकि 80C की लिमिट 1.50 लाख रुपये है. दरअसल, सबकुछ इसी के तहत आता है, जैसे पीपीएफ (PPF) इसका हिस्सा है. अगर किसी के पास होम लोन (Home Loan) है तो यह इसी से पूरा हो जाता है. इसलिए टैक्स छूट के लिए लाइफ इंश्योरेंस में निवेश (Life Insurance Investment) की अलग राशि रखी जाए.
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इंडस्ट्री ने लाइफ इंश्योरेंस के अलावा अपनी बजट सिफारिशों में एन्युटी उत्पादों को टैक्स छूट के दायरे में लाने का अनुरोध किया है. इस समय पेंशन उत्पादों को वेतन (Salary) के रूप में देखा जाता है. इसलिए इस पर टैक्स लगता है. हालांकि, आमतौर पर यह उन लोगों को मिलती है, जो आय के नियमित स्रोत (Regular Source) से बाहर चले गए हैं और एन्युटी को आय का वैकल्पिक स्रोत मानते हैं. कार्तिक ने कहा कि लाइफस्टाइल (LifeStyle) पर खर्च की लागत लगातार बढ़ रही है. ऐसे में एन्युटी पर टैक्स लगाना सही नहीं है. सरकार से अपील है कि धारा-10डी के तहत एन्युटी पर भी विचार करे और इसे टैक्स फ्री करे. इसके तहत बोनस सहित लाइफ इंश्योरेंस के बेनेफिट्स पर टैक्स छूट की अनुमति है.
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कार्तिक ने कहा कि 80C की पूरी लिमिट 1.50 लाख रुपये है. हर तरह की स्कीम इसी के तहत आने से लिमिट कम पड़ रही है. लाइफ इंश्योरेंस एक अहम निवेश है और महामारी के असर की गंभीरता को देखा जाए तो टैक्स छूट देना जरूरी है. इससे लोग लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रेरित होंगे. हम चाहते हैं कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ी टैक्स छूट देने के लिए अलग से प्रावधान करे क्योंकि पहले के मुकाबले कई तरह के लोन बढ़े हैं और खर्च भी. वहीं, 80C में छूट 1.50 लाख रुपये तक ही है.
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