वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को बजट पेश करेंगी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. बजट (Budget 2023) से अपनी उम्मीदों का पिटारा सभी इंडस्ट्री, कारोबारी, टैक्सपेयर्स, एक्सपर्ट्स आदि अलग-अलग माध्यमों से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को भेज रहे हैं. वहीं, टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा है कि आगामी आम बजट में ऑप्शनल टैक्स रिजीम (Optional Tax Regime) को आकर्षक बनाने के लिए इसमें पीपीएफ (PPF) और अन्य टैक्स बचत योजनाओं के जरिए कटौती की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने अधिकतम 30 फीसदी टैक्स स्लैब की सीमा को भी 20 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की है.
सरकार ने आम बजट 2020-21 में ऑप्शनल इनकम टैक्स रिजीम शुरू की थी जिसमें व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) पर कम दरों के साथ टैक्स लगाया गया. हालांकि, इस व्यवस्था में किराया भत्ता, होम लोन के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य टैक्स छूट नहीं दी जाती है.
2.5 लाख रुपये तक की कुल आय टैक्स मुक्त
इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की कुल आय टैक्स मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की कुल आय पर 5 फीसदी, 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की कुल आय पर 10 फीसदी, 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है.
कई मामलों में टैक्सपेयर्स को देना पड़ा अधिक टैक्स
हालांकि, इस योजना ने टैक्सपेयर्स का अधिक ध्यान नहीं खींचा, क्योंकि कई मामलों में इसे अपनाने पर टैक्सपेयर्स को अधिक टैक्स देना पड़ा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑप्शनल टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी बजट मे टैक्स मुक्त आय और उच्चतम टैक्स दर की सीमा बढ़ाने के अलावा कुछ लोकप्रिय टैक्स कटौती को भी शामिल करना चाहिए.
टैक्स दरों को अधिक तर्कसंगत बनाने की मांग
नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि सरकार को ऑप्शनल टैक्स रिजीम में टैक्स दरों को अधिक तर्कसंगत बनाना चाहिए. उन्होंने इसे पूर्वगामी कटौतियों या छूटों के अनुरूप बनाने की पैरोकारी की.
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर सुधाकर सेथुरमन ने इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार कुछ कटौतियों की अनुमति देने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया को जटिल बनाए बिना ऐसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस योजना में भी लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, होम लोन का ब्याज और अन्य कटौती दी जा सकती हैं.
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