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Budget 2023-24 से उम्मीदें: दोगुनी हो सकती टैक्स छूट की सीमा, 5 लाख की कमाई पर नहीं लगेगा आयकर!

केंद्र सरकार बजट में टैक्स स्लेब में कटौती और कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकती है.

केंद्र सरकार बजट में टैक्स स्लेब में कटौती और कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकती है.

CNBC-TV18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार टैक्स स्लैब घटाने और छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख करने पर सोच ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

केंद्र सरकार टैक्स स्लेब में कटौती और कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकती है.
सरकार नया टैक्स रिटर्न फॉर्म लागू करने के रोडमैप की घोषणा पर विचार कर रही है.
उद्योग संघ और टैक्स एक्सपर्ट्स भी सरकार से आयकर दरों में बदलाव की मांग कर चुके हैं.

नई दिल्ली. अगले साल फरवरी में पेश होने वाले आम बजट 2023-24 में करदाताओं को सरकार बड़ी राहत दे सकती है. केंद्र सरकार टैक्स स्लेब में कटौती और कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकती है.
CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार वर्तमान में नई आयकर व्यवस्था को अधिक करदाताओं के अनुकूल बनाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार टैक्स स्लैब घटाने और छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख करने पर सोच रही है. इसके अलावा होम लोन इंटरेस्ट और स्टैंडर्ड डिडक्शन पर भी कुछ राहत दे सकती है.

नया टैक्स रिफॉर्म लागू करने पर विचार
दरअसल सरकार करदाताओं की सुविधा के लिए नया टैक्स रिटर्न फॉर्म लागू करने के रोडमैप की घोषणा पर विचार कर रही है. नए इनकम टैक्स रिटर्न के तहत कॉमन फॉर्म भी लागू किया जा सकता है. अभी अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स को ITR-1 से लेकर ITR-6 भरना होता है. हालांकि, आईटीआर-7 जारी रहेगा. इससे जुड़े हितधारकों को 15 दिसंबर तक मसौदे पर अपने विचार भेजने होंगे.

“टैक्स सिस्टम को दुरुस्त करने की जरुरत”
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने मनी कंट्रोल से बातचीत में कहा, “इनकम टैक्स सिस्टम दुरुस्त करने का समय और इसके लिए ज्यादातर छूट खत्म करने की जरुरत है. जब हमने व्यक्तिगत आयकर प्रणाली को ठीक किया है, और इसे काफी सरल बनाया है. अब हमें सभी छूटों या उनमें से अधिकांश को समाप्त करने की आवश्यकता है.

उद्योग परिसंघ भी कर चुका है आयकर दरों में बदलाव की मांग
बढ़ती महंगाई से आम आदमी को राहत देने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) भी डिमांड में सुधार के लिए इनकम टैक्स में कटौती की मांग कर चुका है. CII ने कहा कि उपभोग की मांग बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव और इन दरों को युक्तिसंगत बनाने, चुनिंदा उपभोक्ता वस्तुओं पर 28% GST दर को कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सुविधा के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने जैसी नीतियों को लागू करने का सुझाव दिया है.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्री-बजट बैठक में भी कई जानकारों और हितधारकों ने आम आदमी को राहत देने के लिए आयकर की मौजूदा दरों में बदलाव करने की मांग की है. वहीं, लोगों की आय बढ़ाने और नई नौकरी पैदा करने के लिए सरकार से अहम कदम उठाने को कहा है.

Tags: Budget, Finance minister Nirmala Sitharaman, Income tax, Income tax exemption

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