Income Tax Budget Live Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई टैक्स रिजीम के लिए टैक्स रिबेट की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया. इसके अलावा 3 लाख रुपये की सैलरी को टैक्स देनदारी से बाहर कर दिया गया है.
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने नई टैक्स रिजीम के लिए रिबेट की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया. इसके अलावा अब 3 लाख रुपये की सैलरी को टैक्स फ्री कर दिया है. कुल मिलाकर अब नई टैक्स रिजीम के तहत कर देने वाले करदाताओं को 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले रिबेट की सीमा 5 लाख रुपये थी और एग्जंप्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये थी. साथ ही केंद्रीय मंत्री ने एक सरल आईटीआर फॉर्म जारी करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसकी काफी समय से मांग हो रही थी और अब सरल ITR फॉर्म जारी होने से लोगों को टैक्स रिटर्न भरने में आसानी होगी.
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नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बनाया गया. हालांकि, अब भी करदातओं के पास पुरानी टैक्स प्रणाली को चुनने का मौका मिलेगा.
सर्वाधिक टैक्स रेट, जो कि अब तक दुनिया में सबसे अधिक टैक्स रेट में शामिल थी, को घटाकर 39 फीसदी कर दिया गया है. पहले यह 42.74 फीसदी थी. इसमें सरचार्ज को 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी किया गया जिसकी वजह से टैक्स रेट कम हो गया है.
नई टैक्स रिजीम में 9 लाख रुपये की आय पर 45,000 रुपये, और 15 लाख रुपये की आय पर 1.5 लाख रुपये का टैक्स देना होगा. इससे पहले यह रकम क्रमश: 60,000 और 1.87 लाख रुपये थी.
0-3 लाख तक कोई टैक्स नहीं
3-6 लाख तक की आय पर 5 फीसदी
6 से 9 लाख आय पर 10 फीसदी आयकर.
9-12 लाख तक – 15 फीसदी
12-15 तक 20 फीसदी
15 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स
नई टैक्स रिजीम में टैक्स रिबेट की लिमिट बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया. टैक्स एग्जेंप्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये की गई.
नेक्सट जेनरेशन कॉमन आईटी रिटर्न फॉर्म्स जारी किए जाएंगे. इससे आईटीआर भरने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने विभिन्न उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 21 से घटाकर 13 फीसदी करने की घोषणा की.
लाखों युवाओं को अगले तीन साल में कौशल सिखाने के लिए योजना का चौथा चरण शुरू होगा. नौकरी के साथ ट्रेनिंग में कई कोर्स को जोड़ा जाएगा. एआई रोबोटिक्स, थ्री प्रिटिंग को इसमें शामिल किया जाएगा. 30 स्किल इंडिया सेंटर बनेंगे. 47 लाख युवाओं को अगले 3 साल में स्टाइफंड दिया जाएगा.
सरकार ने पीएम आवास योजना और कैपेक्स का दायरा बढ़ाकर यह संदेश दिया है कि उसका मकसद रोजगार के अवसर और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है. सरकार चुनाव से पहले वाले पूर्ण बजट में भी लोकलुभावन वादों से दूर दिख रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान-पैकेज का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इससे गुणवत्ता में सुधार, उत्पादों के बड़े बाजार की उपलब्धता और एमएसएमई वैल्यू चेन से जुड़ने में मदद मिलेगी.
रेलवे कैपेक्स का दायरा बढ़ाकर 2.40 लाख करोड़ रुपये किया गया. पीएम आवास योजना के लिए आउटले 79,000 करोड़ रुपये हुआ. कर्नाटक के सूखा प्रभावित क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार 5,300 करोड़ रुपये की सहायता देगी.
1. सबका साथ, सबका विकास. वंचितों को वरीयता
2. अंत्योयद. अंतिम तक पहुंचना
3. ग्रीन ग्रोथ
4. यूथ
5. फाइनेंशियल सेक्टर
6. इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट
7. सामर्थ्य को बढ़ाना
वित्त मंत्री ने बताया कि यूपीआई के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. देश में अब तक 47.8 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं. पीएम सुरक्षा के तहत 44 करोड़ किसानों को बीमा मिला.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया है कि देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है. भारत बीते 9 वर्षों में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लोकसभा में बजट भाषण शुरू हो चुका है. इस बजट से सैलरीड करदाताओं को काफी उम्मीदे हैं. कुछ देर में साफ हो जाएगा कि क्या क्या टैक्स छूट की न्यूनतम सीमा बढ़ेगी या नहीं.
संभव है कि इस बार के बजट में होम लोन रिपेमेंट पर अलग से 1.5 से 2 लाख रुपये का डिडक्शन पेश कर दिया जाए. साथ ही ब्याज पर डिडक्शन की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किये जाने की भी उम्मीद है.
जानकारों का मानना है कि NPS रिटायरमेंट फंड के रूप में लगातार लोकप्रिय हो रहा है. ऐसे में क्या सरकार 80CCD (1B) के तहत डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करेगी? विशेषज्ञों के अनुसार, इससे पुरानी पेंशन स्कीम का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) और सरल हो जाएगा.
एक्सिस कैप का कहना है कि बजट 2023 में पर्सनल टैक्स स्लैब में बदलाव किये जाने की संभावना है. ब्रोकरेज का कहना है कि टैक्स स्लैब में बदलाव किये जाने से लोगों के हाथों में पैसा बचेगा.
EY India Tax & Regulatory Services में पार्टनर सुधीर कपाड़िया का कहना है कि कॉरपोरेट टैक्स के मामले में कई रिफॉर्म हो चुके हैं अब नजरें इनकम टैक्स पर हैं. उन्होंने कहा कि सर्वाधिक टैक्स रेट 20 लाख रुपये से शुरू होना चाहिए जो अभी 10 लाख रुपये है.
गौरतलब है कि 2014 से अब तक इनकम टैक्स में छूट को लेकर किसी भी स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ था. इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि सरकार 9 साल का सूखा इस बार खत्म कर सकती है. हालांकि, 2020 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नई वैकल्पिक टैक्स व्यवस्था जरूर लागू करने की घोषणा की थी.
आयकर की दरों को सरल बनाने की संभावना
बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाई टैक्स स्लेब और कम टैक्स दरों के साथ एक नई वैकल्पिक कर व्यवस्था की घोषणा की थी. लेकिन नई कर व्यवस्था से टैक्स पेयर्स को ज्यादा राहत नहीं मिली. इसलिए, व्यक्तिगत करदाताओं पर लागू कर की दर को कम करने की मांग अभी भी बनी हुई है, क्योंकि कॉर्पोरेट और पर्सनल टैक्स रेट के बीच बड़ा अंतर है.
बुनियादी छूट में बढ़ोतरी की आस
60 वर्ष की आयु तक के व्यक्तियों के लिए, 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है. 60-80 वर्ष की आयु के करदाताओं के लिए और 80 से ऊपर के लोगों के लिए, छूट की सीमा क्रमशः 3 लाख रुपये और 5 लाख रुपये है. कई टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसे बढ़ाने की जरूरत है.
जानकारों की राय
टैक्स एंड इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित के अनुसार, छूट की सीमा में संशोधन किए लगभग एक दशक हो गया है. अर्चित गुप्ता का मानना है कि करदाताओं को या तो मूल छूट सीमा में 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी या कर दरों में कमी के रूप में राहत की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि करदाताओं को यह भी उम्मीद है कि धारा 80सी और 80डी के तहत कटौती बढ़ाई जाएगी.
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