बजट 2023 में सरकार ने इनकम टैक्स रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है.
नई दिल्ली. इनकम टैक्स दरों में बदलाव (Income Tax Slab Revamp) को लेकर टैक्सपेयर्स द्वारा लंबे समय से की जा रही मांग को मोदी सरकार ने बजट में (Budget 2023) पूरा कर दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब 7 लाख रुपये तक की आय पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेगी. मौजूदा टैक्स रीजीम में 5 लाख रुपये से अधिक आमदनी पर टैक्स देना पड़ता है.
बजट 2023 में सरकार ने इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी है, जबकि टैक्स रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. हालांकि, बहुत से लोगों को टैक्स छूट और रिबेट को लेकर कंफ्यूजन रहता है. ये दोनों ही टैक्सबेल इनकम की गणना में अहम होते हैं. आइये जानते हैं आखिर क्या है Tax Exemption और Tax Rebate व दोनों के बीच अंतर
Tax Exemption क्या है?
Tax Exemption यानी टैक्स छूट, इसका मतलब आपकी इनकम के ऐसे स्रोतों से हैं, जिन पर सरकार की तरफ से आपको टैक्स में छूट दी जाए. दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे मदों से होने वाली आय पर आपको टैक्स देने की जरूरत ही नहीं होती है. आपकी कुल सैलरी पर जब टैक्स देनदारी की गणना की जाती है तो उस समय छूट वाली ऐसी आय को आपकी कुल सैलरी या आय के अन्य स्रोतो में से सबसे पहले घटा दिया जाता है. हाउसिंग रेंट अलाउंस कुछ खास नियमों के अधीन टैक्स छूट के दायरे में आता है.
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Tax Rebate क्या है?
टैक्स की गणना करने के बाद Rebate आपको इनकम टैक्स की राशि के भुगतान में राहत देता है. Tax Rebate वह राशि होती है जिस पर करदाता को टैक्स नहीं देना होता है. धारा 87A के तहत मिलने वाले रिबेट से इसे समझा जा सकता है. अगर आपकी सालाना आय 3.5 लाख रुपए से कम है तो आप 2,500 रुपये तक के लिए रिबेट क्लेम कर सकते हैं.
मान लीजिए किसी व्यक्ति की कमाई 5 लाख रुपये है और उसे 50,000 रुपए का HRA मिलता है. छूट के बाद उसकी आय 4.5 लाख रुपए होगी. अगर धारा 80C के तहत उसने 1.5 लाख रुपए के डिडक्शन का फायदा उठाया है तो उसकी कुल आय 3 लाख रुपये रही और उस पर 5 प्रतिशत टैक्स बनेगा, लेकिन टैक्स रिबेट क्लेम करने पर उस व्यक्ति को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब का खुद फायदा भी गिनाया. उन्होंने कहा, पहले नौ लाख रुपये तक की आय वालों को 60 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था. अब इस आय वर्ग में आने वाले लोगों को 25 फीसदी तक का फायदा होगा. ऐसे लोगों को अब 45 हजार रुपये ही टैक्स देना होगा.
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