वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान बैंक ग्राहकों की 5 लाख तक की जमा को सुरक्षा देने की घोषणा की थी.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) की तरह संकट में फंसे बैंकों के ग्राहकों बड़ी राहत (Relief to Stressed Bank Customers) दी है. इसके लिए कैबिनेट ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 (DICGC Act) में किए जाने वाले संशोधनों को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट के इस कदम का उद्देश्य पीएमसी बैंक, यस बैंक (Yes Bank) और लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshami Vilas bank) जैसे संकटग्रस्त बैंकों के ग्राहकों की मुश्किलों को कम करना है. इससे मोरेटोरियम के तहत आने वाले बैंकों (Banks Under Moratorium) के डिपॉजिटर्स को अपना पैसा निकालने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले का इंतजार नहीं करना होगा. बैंक के मॉरेटोरियम के तहत आने पर डिपॉजिटर्स 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे.
किन हालात में ग्राहकों को मिलेगा डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर का लाभ
केंद्र सरकार ने किसी भी बैंक के नियमित कामकाज को निलंबित (Banking Operation Suspended) करने या रिजर्व बैंक की ओर से निगरानी में रखने पर डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर (Deposit Insurance Cover) को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) रिजर्व बैंक के तहत काम करता है. बता दें कि बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा रकम सुरक्षित होने की गारंटी डीआईसीजीसी की ओर से होती है. डिपॉजिट बीमा के प्रावधानों के मुताबिक, बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने पर 5 लाख रुपये तक की राशि का भुगतान जमाकर्ता को किया जाता है, फिर चाहे बैंक में उसका कितना ही पैसा जमा क्यों न हो.
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किन बैंकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराता है DICGC
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि अगर कोई बैंक अस्थायी रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल हो जाता है तो ऐसे बैंक में रकम जमा करने वाले व्यक्ति आसानी से और समय से अपनी जमाराशि को उस सीमा तक हासिल कर सकेंगे, जितने पर उन्हें बीमा सुरक्षा मिली है. साथ ही कहा था कि मैं डीआईसीजीसी एक्ट, 1961 में संशोधनों को प्रस्तावित कर रही हूं. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने News18.com से कहा कि डिपॉजिटर्स के हितों का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. डीआईसीजीसी हर तरह और हर क्षेत्र के बैंक को डिपॉजिट इंश्योरेंस उपलब्ध कराता है.
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