ATM से कैश गायब होने पर हाहाकार, सरकार ने गिनाए ये कारण
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा है कि जिन राज्यों में कैश की किल्लत है, वहां दूसरे राज्यों के मुकाबले कम नोट पहुंचे हैं.

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा है कि जिन राज्यों में कैश की किल्लत है, वहां दूसरे राज्यों के मुकाबले कम नोट पहुंचे हैं.
वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ राज्यों में पैदा हुई कैश की किल्लत का कारण वहां अचानक कैश की मांग बढ़ना बताया है. उन्होंने कहा कि देश में जरूरत से ज्यादा नोट सर्कुलेशन में हैं और बैंकों में भी पर्याप्त नोट उपलब्ध हैं. वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि सरकार ने देश में करंसी के हालात की समीक्षा की है और आने वाले तीन दिनों में ठीक हो जाएगा.
आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत की खबरें आई हैं. कई छोटे शहरों में एटीएम खाली हैं और बाहर 'नो कैश' का बोर्ड लगा है. उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, गुजरात, झारखंड और मध्यप्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एटीएम में कैश न होने की शिकायत आ रही हैं.
कुछ लोगों का कहना है कि उनके इलाके में नोटबंदी जैसे हालात दिखने लगे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई राज्यों में हुए कैश संकट से निपटने के लिए कमिटी बनाई है.
Have reviewed the currency situation in the country. Over all there is more than adequate currency in circulation and also available with the Banks. The temporary shortage caused by ‘sudden and unusual increase’ in some areas is being tackled quickly.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 17, 2018
शुक्ल ने कहा, 'अभी हमारे पास 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की कैश करंंसी है. कुछ राज्यों के पास कम करंसी है, जबकि अन्य राज्यों के पास ज्यादा. सरकार ने राज्य स्तर पर समिति गठित की है. वहीं, आरबीआई ने भी नोटों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए कमिटी गठित की है.' वित्त राज्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि जिन राज्यों में नोटों को कमी पड़ रही है, वहां तीन दिनों में नोटों की नई खेप पहुंचा दी जाएगी.
We've cash currency of Rs1,25,000 cr right now. There is one problem that some states have less currency&others have more.Govt has formed state-wise committee & RBI also formed committee to transfer currency from one state to other. It'll be done in 3 days: SP Shukla, Mos Finance pic.twitter.com/Xm4b4NhMqu
— ANI (@ANI) April 17, 2018
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(1) सरकारी सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में बैसाखी, बिहू और सौर नव वर्ष जैसे त्योहार होने की वजह से लोगों को ज्यादा नकदी की जरूरत थी. लोग नकदी का जमावड़ा न करने लगें और अफरा-तफरी न मचे, इसके लिए वित्त मंत्रालय ने तत्काल रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की. सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों के अधिकारियों और बैंक प्रमुखों से परामर्श भी किया.
(2) सूत्रों का कहना है कि नकदी की उपलब्धता में ऐसे उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. जैसे यदि किसी राज्य में डिमांड बढ़ जाती है तो दूसरे राज्य में आपूर्ति पर थोड़ा अंकुश लगा दिया जाता है. उदाहरण के लिए असम में शनिवार को बिहू त्योहार होने की वजह से उसके कुछ दिनों पहले नकदी की निकासी काफी बढ़ गई. इसलिए दूसरे कुछ राज्यों में आपूर्ति में कटौती करनी पड़ी. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'अब आपूर्ति सामान्य हो गई है और हालात जल्दी ही सामान्य हो जाएंगे.'
(3) इसके अलावा कर्नाटक में चुनाव करीब हैं, इसलिए वहां भी नकदी की मांग काफी बढ़ गई है. फसल के समय किसानों द्वारा भी नकदी की निकासी बढ़ जाती है. कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, इसकी वजह से इस मसले पर तत्काल राजनीति भी शुरू हो गई.
(4) एफआरडीआई बिल के कारण लोगों में आशंका घर कर गई है कि बैंक में रखे उनके पैसे सुरक्षित नहीं हैं. इससे भी लोग बैंक ब्रांचों और एटीएम से पैसे निकालकर रख रहे हैं.
(5) सरकारी बैंकों के बारे में यह अफवाह भी है कि कुछ बैंक फेल हो सकते हैं, इसके कारण भी कुछ लोग कैश निकाल रहे हैं.
(6) कुछ लोग कालाबाजारी और मुनाफाखोरी भी कर रहे हैं. वे लोगों से इलेक्ट्रॉनिकली पैसे लेकर 5 से 10 फीसदी मार्जिन पर कैश दे रहे हैं. यह भी कैश कम होने का एक कारण है.
(7) बैंकिंग अव्यवस्था भी इसका एक कारण है. इसके कारण कुछ राज्यों में जहां अधिक कैश है, वहीं कुछ राज्यों में जरूरत से कम है.
(8) शादी का सीजन इन दिनों शवाब पर है, इसके कारण भी लोगों को अधिक मात्रा में कैश की जरूरत है.
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