केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर विभाग के अधिकारियों (Income Tax Officers) को फरमान जारी किया है कि किसी भी हालत में 31 मार्च 2021 तक 3 साल से ज्यादा पुराने सभी मामलों को खोला जाए. इस पर इनकम टैक्स गजेटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सीबीडीटी को चिट्ठी लिखकर ऐतराज जताया है. एसोसिएशन ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में मामलों को फिर से खोलना और आकलन करना अव्यवहारिक व मानवीय तौर पर असंभव है. बता दें कि बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 3 साल से ज्यादा पुराने मामलों को समयबद्ध तरीके से खोलने की घोषणा की थी.
ऑफिसर्स एसोसिएशन ने चिट्ठी में लिखा है कि इस फरमान से आयकर विभाग के हर अधिकारी पर काम का बोझ 20 गुना ज्यादा बढ़ जाएगा. एक-एक अधिकारी पर 10 हजार से ज्यादा मामलों के असेसमेंट की जिम्मदारी पड़ जाएगी. ऐसे में 31 मार्च तक का समय बहुत कम है. इसके लिए अधिकारियों को 30 सितंबर 2021 तक का समय दिया जाना चाहिए. बता दें कि केंद्र सरकार ने आयकर आकलन की ऑनलाइन प्रक्रिया (Faceless Income Tax Assessment) के बाद पुराने मामले खोलने की अवधि 6 साल से घटाकर 3 साल कर दी है. वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट 2021 में इसकी घोषणा की थी. हालांकि, कर धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर मामलों में छिपाई गई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक होने पर मामले खोलने की अवधि 10 साल होगी.
बजट में फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है यानी कर विवाद के मामले में किसी भी व्यक्ति को अधिकारी के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आयकर अधिकारी को भी पता नहीं होगा कि वह किस व्यक्ति के मामले की छानबीन कर रहा है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि आयकर आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समयसीमा घटाई गई है. बजट प्रस्ताव के अनुसार, 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : March 28, 2021, 19:31 IST