केंद्र सरकार ने अपने नियमों में 7 अक्तूबर को संशोधन किया है.
नई दिल्ली. केंद्रीय कर्मचारियों को डीए और बोनस के तोहफों के बीच सरकार ने एक सख्त चेतावनी भी जारी की है. इसमें काम को लेकर सतर्क रहने और लापरवाही न बरतने की बात कही है ओर ऐसा करने पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने का निर्देश दिया गया है. फिलहाल यह आदेश केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू रहेगा, जिस पर राज्य भी अमल कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने हाल में एक जारी एक नोटिफिकेशन में कहा है कि अगर केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी. यह निर्देश सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत जारी किए गए हैं. केंद्र सरकार ने हाल में ही सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के रूल 8 में बदलाव किया था, जिसमें ये नए प्रावधान जोड़े गए हैं.
केंद्र की तरफ से नियम में हुए बदलाव की जानकारी सभी संबंधित प्राधिकरणों को भी भेज दी गई है. इसमें कहा गया है कि अगर दोषी कर्मचारियों की जानकारी मिलती है तो उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने की कार्रवाई शुरू की जाए.
कौन करेगा कार्रवाई
-ऐसे प्रेसिडेंट जो रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे हैं. उन्हें ग्रेच्युटी या पेंशन रोकने का अधिकार होगा.
-ऐसे सचिव जो उस मंत्रालय या विभाग से जुड़े हों जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति की गई हो. इन्हें भी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार होगा.
-अगर कोई कर्मचारी ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ है तो सीएजी को दोषी कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद उनकी पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार होगा.
ऐसे हो सकती है कार्रवाई
बीते 7 अक्तूबर को नियमों में हुए बदलाव के मुताबिक, सक्षम अधिकारियों को दोषी पाए कर्मचारियों की पेंशन अथवा ग्रेच्युटी या फिर दोनों आंशिक या फिर पूर्ण रूप से रोकने का अधिकार होगा. नौकरी के दौरान अगर इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई तो इसकी जानकारी भी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा. अगर कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से नियुक्त हुआ है तो उस पर भी यही नियम लागू होंगे.
अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान ले चुका है और फिर दोषी पाया जाता है तो उससे पेंशन या ग्रेच्युटी की पूरी अथवा आंशिक राशि वसूली जा सकती है. इसका आकलन विभाग को हुए नुकसान के आधार पर किया जाएगा. अथॉरिटी चाहे तो कर्मचारी की पेंशन या ग्रेच्युटी को स्थायी अथवा कुछ समय के लिए भी रोक सकता है.
अंतिम आदेश से पहले लेना होगा सुझाव
किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से सुझाव लेना होगा. इसके अलावा ऐसे किसी भी मामले में जहां पेंशन को रोका या निकाला जाता है, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये प्रति माह से कम नहीं होनी चाहिए, जो रूल 44 के तहत पहले से निर्धारित है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Business news in hindi, Ceiling of tax-free gratuity, Central Government employees, Centre Government, Pensioners