नई दिल्ली. दुनिया के सबसे बड़े फैशन ब्रांड में शुमार फ्रांस की कंपनी Chanel की CEO लीना नायर (Leena Nai) का करियर आज जितना ग्लैमरस दिख रहा है, वह आम लड़की की तरह बेहद नीरस और आलोचनाओं से घिरा हुआ था.
लीना को पिछले साल दिसंबर में Chanel ब्रांड ने अपना ग्लोबल सीईओ बनाया तो अचानक उनकी चर्चा दुनियाभर में होने लगी. भारतीय एफएमसीजी कंपनी Unilever के साथ 30 साल बिताने वाली लीना को मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) से अचानक global chief executive officer (CEO) बना दिया गया. अब वे कंपनी के दुनियाभर में काम करने वाले 28 हजार कर्मचारियों की अगुआई करती हैं.
ये भी पढ़ें – Gold-Silver Rate : बाजार में घटी सोने की चमक, 656 रुपये सस्ता-चांदी भी लुढ़की
तानों के बीच बीता बचपन पर नहीं हारी हिम्मत
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पैदा हुईं लीना का बचपन ऐसे माहौल में बीता जहां लड़कियों को शादी से पहले बस जरूरत भर ही पढ़ाया जाता था. उन्हें हर उस चीज के लिए टोका जाता था, जो उस समय लड़कियों के लिए जरूरी नहीं समझी जाती थी. लीना कहती हैं, ‘लोग पूछते थे कि ज्यादा पढ़कर क्या करोगी? तुम्हारे मां-बाप की सिर्फ दो लड़कियां हैं, कोई लड़का क्यों नहीं है? यह सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आता और अपसेट हो जाती, लेकिन मैंने इस गुस्से को अपने सपनों के रास्ते का ईंधन बना लिया.’
पिता को इंजीनियरिंग के लिए मनाया
नायर को मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री से काफी लगाव था और अपने पिता को मनाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की. वे कहती हैं कि कॉलेज के एक प्रोफेसर ने सलाह दी कि तुम अच्छी इंजीनियर बनने के बजाए MBA की पढ़ाई करो. इंजीनियरिंग के बाद कुछ फैक्टरियों में काम किया, लेकिन अपने प्रोफेसर की सलाह पर अमल करने का मन बना लिया था. जब यह बात अपने पिता को बताई तो वे दुखी हो गए. हालांकि, बाद में जमशेदपुर के एक कॉलेज से MBA की डिग्री हासिल की और करियर HR बनने की ओर मुड़ गया.
ये भी पढ़ें – NSE स्कैम : CBI ने आनंद सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया, बीती रात चेन्नई से हुई गिरफ्तारी
महिलाओं के लिए कई नए रास्ते बनाए
लीना कहती हैं कि मेरे करियर में कई ऐसे मोड़ जुड़े हैं, जो किसी महिला के रूप में पहली बार सामने आए थे. आप जब किसी पेशे से जुड़ने वाली एशिया की पहली वुमन होती हैं, तो आपकी सफलता और नाकामी दोनों को बहुत नजदीक से परखा जाता है. मैं HUL की पहली सेल्स महिला था, जो फैक्टरी तक गई. मैं इस बात के लिए धन्यवाद देती हूं कि मुझे इन वर्जनाओं को तोड़ने का मौका मिला. पिछले साल कंपनी छोड़ते समय Unilever के प्रबंधन में करीब 47 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. हमने उनके अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई बड़े बदलाव किए.
महिलाओं में भरोसा जगाने का अनूठा तरीका
लीना के अनुसार, महिलाओं को आगे बढ़ने का बेहतर रास्ता दूसरी महिला ज्यादा अच्छी तरह से बना सकती है. कहा, ‘हम पाकिस्तान में एचयूएल का स्टोर खोल रहे थे और वहां काम करने के लिए लड़कियों का हायर करना चाहते थे. इसके लिए हमने उनके परिवारों को कुछ दिन साथ बिताने के लिए कहा, ताकि उनमें काम के माहौल को लेकर भरोसा पैदा हो. बतौर सीईओ भी मेरी यही कोशिश होगी कि कंपनी में काम करने वाली महिलाओं और पुरुषों को आगे बढ़ाने के नए-नए रास्ते बनाए जाएं.’
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Hindustan Unilever, Leena Nair