1 अप्रैल से स्मार्ट हो जाएगा आपका बिजली मीटर, आपको मिलेगा ये फायदा

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1 अप्रैल से आपकी जिंदगी में कई छोटे-बड़े बदलाव होने वाले हैं, जानिए इस लिस्ट में आज क्या है हमारी पोटली में...
- News18Hindi
- Last Updated: March 19, 2019, 7:43 AM IST
1 अप्रैल से आपकी जिंदगी में कई छोटे-बड़े बदलाव होने वाले हैं. इन बदलावों से आप बेखबर नहीं रहे, इसलिए हम आज आपको हर बदलाव की पूरी जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप इन बदलावों को लेकर सजग हो जाएं. भारत में बिजली की चोरी रोकने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन इसके बावजूद बिजली की चोरी कम नहीं हुई.
इसी के मद्देनज़र बिजली की चोरी रोकने के लिए 1 अप्रैल से प्रत्येक घर में प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने 2022 का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद लोगों को बिना मीटर को रिचार्ज कराए घर में बिजली की सप्लाई नहीं मिलेगी. उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन की तरह बिजली को रिचार्ज कराना होगा. इसके पूरा होते ही उपभोक्ताओं के घर में बिजली का बिल पहुंचने के दिन समाप्त हो जाएंगे.
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घरों में लगेंगे प्रीपेड मीटरऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में 24X7 सभी को निर्बाध तरीके से बिजली मिल सकती है. यह करना भी जरूरी होगा. प्रत्येक घर में बिजली को केवल प्रीपेड मीटर के जरिए सप्लाई किया जाएगा. बिना प्रीपेड मीटर के बिजली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा.
मोबाइल फोन की मदद से होगा रिचार्ज
लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने बिजली मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे. आरके सिंह ने कहा कि अब पॉवर कंपनी के कर्मचारी बिलिंग और कलेक्शन के काम में नहीं लगेगे. न ही इन कर्मचारियों को मीटर की रिडिंग के लिए लगाया जाएगा.
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लाइन लॉस को किया जाएगा कम
मीटिंग में लाइन लॉस को कम करने पर भी सहमति बनी और इसको जनवरी 2019 तक 15 फीसदी से नीचे लाया जाएगा. अभी देश भर में लाइन लॉस कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक है. लाइन लॉस वो होता है, जब लोग कटिया डालकर या फिर कम लोड लेकर चोरी करके बिजली को जलाते हैं. प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद लाइन लॉस कम होने की उम्मीद है, जिसके चलते आने वाले वक्त में बिजली की दरें कम हो सकती हैं.
इस मीटर के कई हैं फायदे
इसके कई फायदे होंगे, उपभोक्ताओं को बिल भेजे जाने की कवायद खत्म होगी. बिजली कंपनियों पर बकाया का भार नहीं रहेगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्मार्ट मीटर के तमाम फायदों को ध्यान में रखते हुए इसके निर्माण को अनिवार्य करने पर विचार करें. इससे बिजली क्षेत्र में क्रांति आएगी, नुकसान कम होंगे और बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति सुधरेगी.
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इतना आएगा खर्चा
बाजार में फिलहाल सबसे सस्ता सिंगल फेज प्रीपेड बिजली मीटर अभी 8 हजार रुपये का मिल रहा है. हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाला मीटर खरीदने के लिए लोगों को 25 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
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इसी के मद्देनज़र बिजली की चोरी रोकने के लिए 1 अप्रैल से प्रत्येक घर में प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने 2022 का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद लोगों को बिना मीटर को रिचार्ज कराए घर में बिजली की सप्लाई नहीं मिलेगी. उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन की तरह बिजली को रिचार्ज कराना होगा. इसके पूरा होते ही उपभोक्ताओं के घर में बिजली का बिल पहुंचने के दिन समाप्त हो जाएंगे.
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घरों में लगेंगे प्रीपेड मीटरऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में 24X7 सभी को निर्बाध तरीके से बिजली मिल सकती है. यह करना भी जरूरी होगा. प्रत्येक घर में बिजली को केवल प्रीपेड मीटर के जरिए सप्लाई किया जाएगा. बिना प्रीपेड मीटर के बिजली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा.
मोबाइल फोन की मदद से होगा रिचार्ज
लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने बिजली मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे. आरके सिंह ने कहा कि अब पॉवर कंपनी के कर्मचारी बिलिंग और कलेक्शन के काम में नहीं लगेगे. न ही इन कर्मचारियों को मीटर की रिडिंग के लिए लगाया जाएगा.
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लाइन लॉस को किया जाएगा कम
मीटिंग में लाइन लॉस को कम करने पर भी सहमति बनी और इसको जनवरी 2019 तक 15 फीसदी से नीचे लाया जाएगा. अभी देश भर में लाइन लॉस कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक है. लाइन लॉस वो होता है, जब लोग कटिया डालकर या फिर कम लोड लेकर चोरी करके बिजली को जलाते हैं. प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद लाइन लॉस कम होने की उम्मीद है, जिसके चलते आने वाले वक्त में बिजली की दरें कम हो सकती हैं.
इस मीटर के कई हैं फायदे
इसके कई फायदे होंगे, उपभोक्ताओं को बिल भेजे जाने की कवायद खत्म होगी. बिजली कंपनियों पर बकाया का भार नहीं रहेगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्मार्ट मीटर के तमाम फायदों को ध्यान में रखते हुए इसके निर्माण को अनिवार्य करने पर विचार करें. इससे बिजली क्षेत्र में क्रांति आएगी, नुकसान कम होंगे और बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति सुधरेगी.
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इतना आएगा खर्चा
बाजार में फिलहाल सबसे सस्ता सिंगल फेज प्रीपेड बिजली मीटर अभी 8 हजार रुपये का मिल रहा है. हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाला मीटर खरीदने के लिए लोगों को 25 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
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