सावधान! अगर नहीं किया यह काम, तो 1 अप्रैल से बेकार हो जाएगा यहां लगाया हुआ पैसा

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फिजिकल फॉर्म में पड़े शेयरों को डीमैट में कन्वर्ट कराने का 31 मार्च 2019 को आखिरी मौका है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 18, 2019, 11:53 AM IST
शेयर बाजार में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों के पास अभी फिजिकल फॉर्म में ही कंपनियों के शेयर पड़े हैं. इस समय देश में करीब 5.30 लाख करोड़ रुपये के शेयर फिजिकल फॉर्म में हैं. फिजिकल फॉर्म में पड़े शेयरों को डीमैट में कन्वर्ट कराने का 31 मार्च 2019 तक आखिरी मौका है. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो फिजिकल फॉर्म में रखे शेयर सर्टिफिकेट का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा. ऐसा होने पर आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. (ये भी पढ़ें: हर खरीदारी पर मिल रहा मुफ्त सोने का सिक्का, बचे हैं केवल 2 दिन)
क्या है फिजिकल शेयर
पहले जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर खरीदता था, उन्हें कंपनी की तरफ से एक प्रिंटेड शेयर प्रमाणपत्र जारी किया जाता था. यही प्रमाणपत्र फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट है. इसे जब किसी डीमैट सेवा देने वाली कंपनी के पास जमा करा दिया जाता है और उसे इलेक्ट्रोनिक फार्म में बदल दिया जाता है तो वह डीमैट शेयर कहलाता है.
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मार्केट रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने जून 2018 को एक अधिसूचना निकाल कर फिजिकल शेयर को डीमैट फार्म में बदलवाने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर 2018 तय कर दिया था. लेकिन बाद में सेबी ने इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया.
कन्वर्ट करने का ये है पूरा प्रोसेस-
1. डीमैट अकाउंट खुलवाएं- शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ट्रांसफर करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके लिए आपके पास आइडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और पैन कार्ड होना चाहिए. कई ब्रोकर बिना किसी शुल्क के आपका अकाउंट खोलने का ऑफर कर रहे हैं. हालांकि बाद में डिपॉजिटरीज अपनी सर्विस के लिए आपसे चार्ज ले सकते हैं. इसमें ब्रोकिंग चार्ज, सलाना मेंटेनेंस चार्ज शामिल हैं. यह फीस कुछ सौ रुपए सालाना हो सकती है. वहीं ब्रोकिंग चार्ज आपके द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन के आधार पर तय होती है. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए करीब-करीब वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो बैंक अकाउंट खोलने के लिए होती है. आम तौर पर एक हफ्ते के अंदर अकाउंट खुल सकता है.
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2. DRF फॉर्म भरें- डीमैट अकाउंट खुलने के बाद शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए आपको DRF फॉर्म भरने होंगे. DRF का मतलब है डीमैटरियलाइजेशन रेक्वज़िशन फॉर्म. आवेदक द्वारा DRF फॉर्म भरकर जमा करने के बाद आपका शेयर सर्टिफिकेट अधिकारी द्वारा वेरिफाई किया जाएगा. वेरिफिकेशन के बाद DRF टीम आपके सभी शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में परिवर्तित कर देंगे. इस प्रॉसेस में करीब 2 से 3 हफ्ते का समय लगता है.
कन्वर्ट होने बाद कर सकते हैं शेयर की ट्रेडिंग
एक बार सारे शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में तब्दील हो जाने के बाद डिपॉजिटरी पार्टिसपेन्ट आपको पिरीऑडिट स्टेटमेंट्स उपलब्ध कराएंगे. इस स्टेटमेंट्स में आपकी होल्डिंग की जानकारी होगी. इसके बाद आप अपने डीमैट अकाउंट से शेयर की खरीद व बिक्री कर सकते हैं.
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क्या है फिजिकल शेयर
पहले जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर खरीदता था, उन्हें कंपनी की तरफ से एक प्रिंटेड शेयर प्रमाणपत्र जारी किया जाता था. यही प्रमाणपत्र फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट है. इसे जब किसी डीमैट सेवा देने वाली कंपनी के पास जमा करा दिया जाता है और उसे इलेक्ट्रोनिक फार्म में बदल दिया जाता है तो वह डीमैट शेयर कहलाता है.
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मार्केट रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने जून 2018 को एक अधिसूचना निकाल कर फिजिकल शेयर को डीमैट फार्म में बदलवाने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर 2018 तय कर दिया था. लेकिन बाद में सेबी ने इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया.
कन्वर्ट करने का ये है पूरा प्रोसेस-
1. डीमैट अकाउंट खुलवाएं- शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ट्रांसफर करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके लिए आपके पास आइडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और पैन कार्ड होना चाहिए. कई ब्रोकर बिना किसी शुल्क के आपका अकाउंट खोलने का ऑफर कर रहे हैं. हालांकि बाद में डिपॉजिटरीज अपनी सर्विस के लिए आपसे चार्ज ले सकते हैं. इसमें ब्रोकिंग चार्ज, सलाना मेंटेनेंस चार्ज शामिल हैं. यह फीस कुछ सौ रुपए सालाना हो सकती है. वहीं ब्रोकिंग चार्ज आपके द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन के आधार पर तय होती है. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए करीब-करीब वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो बैंक अकाउंट खोलने के लिए होती है. आम तौर पर एक हफ्ते के अंदर अकाउंट खुल सकता है.
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2. DRF फॉर्म भरें- डीमैट अकाउंट खुलने के बाद शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए आपको DRF फॉर्म भरने होंगे. DRF का मतलब है डीमैटरियलाइजेशन रेक्वज़िशन फॉर्म. आवेदक द्वारा DRF फॉर्म भरकर जमा करने के बाद आपका शेयर सर्टिफिकेट अधिकारी द्वारा वेरिफाई किया जाएगा. वेरिफिकेशन के बाद DRF टीम आपके सभी शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में परिवर्तित कर देंगे. इस प्रॉसेस में करीब 2 से 3 हफ्ते का समय लगता है.
कन्वर्ट होने बाद कर सकते हैं शेयर की ट्रेडिंग
एक बार सारे शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में तब्दील हो जाने के बाद डिपॉजिटरी पार्टिसपेन्ट आपको पिरीऑडिट स्टेटमेंट्स उपलब्ध कराएंगे. इस स्टेटमेंट्स में आपकी होल्डिंग की जानकारी होगी. इसके बाद आप अपने डीमैट अकाउंट से शेयर की खरीद व बिक्री कर सकते हैं.
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