नई दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की विश्वासघाती हरकतों को तो देश-दुनिया ने देख ही लिया है. अब ड्रैगन का एक और नापाक मंसूबा जगज़ाहिर हो गया है. चीनी कंपनी झिंहुआ द्वारा जासूसी करने का मामला सामने आया है. चीनी कंपनी भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के टॉप 10 हज़ार लोगों पर जासूसी नज़रे बनाये हुई थी. ये घटना भारत सरकार के उस आरोप को भी साबित करता है, जिसमें चीनी कंपनियों की वजह से लोगों की निजता, देश की सुरक्षा और संप्रभुता पर खतरा बताया गया है. इन घटनाओं को देखते हुए व्यापारी संगठन CAIT ने केंद्र सरकार से मांग की है कि चीन की जिन कंपनियों द्वारा भारत की कंपनियों में निवेश किया गया है उन सभी की गहनता से जांच हो.
करीब 250 एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना PLA द्वारा हिंसक झड़प के बाद भारत ड्रैगन को हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति बनाने लगा है. एक कारगर नीति और नियमों के तहत इलेक्ट्रॉनिक व आईटी मंत्रालय ने चीन के 244 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. इन ऐप्स पर लगाये गए प्रतिबंधों के बावजूद धड़ल्ले से चीनी ऐप्स भारत में चल रहे हैं. कैट में मांग की है कि इन सभी ऐप्स की पहचान कर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए. साथ ही CAIT ने मांग की है कि चीनी कंपनी हुवावे (Huawei) और जेडटीई कॉर्पोरेशन (ZTE Corporation) की तकनीक को भारत मे 5G नेटवर्क लागू करने में केंद्र सरकार रोक लगाए. CAIT ने कहा कि कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में होने वाले चीनी मशीनरियों के इस्तेमाल की भी जांच करने की जरूरत है.
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भारत की महत्वपूर्ण जानकारियां चुराने में जुटा है चीन
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस पूरे मामले को काफी गंभीर बताया है. CAIT ने कहा कि चीनी जासूसी के पीछे उसकी सोची समझी बड़ी साजिश लगती है. व्यापारिक संगठन ने अंदेशा जताया है कि चीनी कंपनियों द्वारा भारतीय कंपनियों में किये गए भारी निवेश के पीछे भारत की महत्वपूर्ण जानकारियों पर कब्ज़ा ज़माने की एक रणनीतिक कदम प्रतीत हो रहा है. जगजाहिर है कि चीन अपने हर एक तकनीक में आईओटी उपकरण लगाता है जिसके जरिये वो जासूसी कर महत्वपूर्ण जानकारियां कब्जे में करता है.
इन सेक्टरों में चीनी कंपनियों ने किया है भारत मे भारी निवेश
चीन ने मुख्य रूप से भारत के उन चुनिंदा सेक्टरों को निवेश के लिए चुना, जिनसे उसे बड़ी मात्रा में डेटा प्राप्त हो सके. भारतीय कंपनियां जिनमें चीन ने बड़ा निवेश किया है वे हैं आतिथ्य, दैनिक उपभोग वाली सामग्रियों, खाद्य वितरण, सूचना प्रौद्योगिकी, रसद, भुगतान ऐप, ई-कॉमर्स, यात्रा, परिवहन, फार्मास्यूटिकल्स, बीमा, शेयर बाजार, स्वास्थ्य देखभाल, नेत्र देखभाल, खेल, ऐप्स.
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इन देशों में भी चीन जासूसी करता आया है
ये किसी से छुपा नहीं है कि चीन विश्व के अनेक देशों में विभिन्न तरीकों से जासूसी करता है. चीन दूर-दराज, संवेदनशील खुफिया सूचनाओं तक पहुंच हासिल करने के लिए साइबर जासूसी समेत कई तरह के हथकंडे अपनाता है. अधिक चिन्ताजनक बात यह है कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सूचना एकत्र करने के उद्देश्य से वित्तीय और औद्योगिक जासूसी में भी लंबे समय से लगा हुआ है. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, फ्रांस सहित विभिन्न देशों में चीनी घुसपैठ के संदेह वाले कंप्यूटर घुसपैठ के कई मामले दुनिया के सामने आ चुके हैं. इसके अलावा अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों में भी चीन द्वारा जासूसी करने में मामले सामने आते रहे हैं.undefined
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2020, 19:48 IST