लोन देने वाले ऐप के बारे में हुआ बड़ा खुलासा, CID ने बताया सीधा चीन से है संबध

Bank FD interest rates
क्या आप भी ऐप के जरिए लोन लेने का प्लान बना रहे हैं...अगर हां तो सावधान हो जाएं. आरबीआई की ओर से तत्काल लोन देने वाले ऐप से सभी को सतर्क किया है. CID के अधिकारियों ने खुलासा करते हुए बताया कि इन ऐप के जरिए ग्राहकों की पर्सनल डिटेल्स चोरी हो रही हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: December 28, 2020, 9:21 PM IST
नई दिल्ली: क्या आप भी ऐप के जरिए लोन लेने का प्लान बना रहे हैं...अगर हां तो सावधान हो जाएं. आरबीआई की ओर से तत्काल लोन देने वाले ऐप से सभी को सतर्क किया है. CID के अधिकारियों ने खुलासा करते हुए बताया कि इन ऐप के जरिए ग्राहकों की पर्सनल डिटेल्स चोरी हो रही हैं. CID का कहना है कि इस घोटले का चीन से सीधा संबंध होने के परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक सबूत मिले हैं तो लोन लेने से पहले आप पूरी तरह से जांच कर लें.
अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ऐसे सभी ऐप्स के सर्वर फिलहाल चीन में हैं. इसके अलावा इन ऐप के जरिए इस्तेमाल किए गए डैशबोर्ड भी चीन में है. बता दें सीआईडी ने पहले जिन 4 कंपनियों पर छापा मारा था उनमें से 3 के संचालन चीन से हैं.
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चीन से होता है संचालनमहाराष्ट्र टाइम्स की खबर के मुताबिक, CID के साइबर अपराध विभाग के पुलिस अधीक्षक एम डी शरथ ने बताया कि जिन भी कंपनियों पर छापा मारा गया है उन सभी का संचालन चीन से होता है.
CID के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि बोरायन्क्सी टेक्नोलॉजिज प्रा लि का निदेशक चीनी कंपनी होंगहु इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजिस प्रा. लि का भी मालिक और निदेशक है. इसके अलावा मैड एलिफेंट ये कंपनी रेमिंगटेक प्रा. लि. इस कंपनी के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. इन कंपनियों के मालिकों में से एक चीनी नागरिक है जिसका नाम यानपेंग कू है.
RBI ने भी किया था सतर्क
आरबीआई ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि लोग/छोटे कारोबारी शीघ्र और बिना किसी झंझट के कर्ज देने का वादा करने वाले अनाधिकृत डिजिटल मंचों और ऐप के झांसे में फंस रहे हैं.
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आरबीआई ने कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म की ब्याज दरें काफी ऊंची होती है और अतिरिक्त छिपे हुए चार्ज होते हैं. इसके साथ ही, वे मोबाइन फोन धारकों के डेटा का गलत इस्तेमाल भी करते हैं. केन्द्रीय बैंक ने कहा- "आम लोगों को आगाह किया जाता है कि वे इस तरह की बेईमान गतिविधियों और ऑनलाइन/मोबाइल ऐप के माध्यम से कंपनी/फर्म के ऋणों की पेशकश को सत्यापित करें."
अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ऐसे सभी ऐप्स के सर्वर फिलहाल चीन में हैं. इसके अलावा इन ऐप के जरिए इस्तेमाल किए गए डैशबोर्ड भी चीन में है. बता दें सीआईडी ने पहले जिन 4 कंपनियों पर छापा मारा था उनमें से 3 के संचालन चीन से हैं.
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CID के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि बोरायन्क्सी टेक्नोलॉजिज प्रा लि का निदेशक चीनी कंपनी होंगहु इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजिस प्रा. लि का भी मालिक और निदेशक है. इसके अलावा मैड एलिफेंट ये कंपनी रेमिंगटेक प्रा. लि. इस कंपनी के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. इन कंपनियों के मालिकों में से एक चीनी नागरिक है जिसका नाम यानपेंग कू है.
RBI ने भी किया था सतर्क
आरबीआई ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि लोग/छोटे कारोबारी शीघ्र और बिना किसी झंझट के कर्ज देने का वादा करने वाले अनाधिकृत डिजिटल मंचों और ऐप के झांसे में फंस रहे हैं.

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आरबीआई ने कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म की ब्याज दरें काफी ऊंची होती है और अतिरिक्त छिपे हुए चार्ज होते हैं. इसके साथ ही, वे मोबाइन फोन धारकों के डेटा का गलत इस्तेमाल भी करते हैं. केन्द्रीय बैंक ने कहा- "आम लोगों को आगाह किया जाता है कि वे इस तरह की बेईमान गतिविधियों और ऑनलाइन/मोबाइल ऐप के माध्यम से कंपनी/फर्म के ऋणों की पेशकश को सत्यापित करें."