इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने साफ किया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) की ब्याज आय पर 5 फीसदी की रियायती दर से कर लागू रहेगा.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बारे में सामने आ रही रिपोर्टों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए बुधवार को कहा कि एफपीआई की ब्याज आय पर पांच फीसदी की दर से लागू विद्होल्डिंग टैक्स की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. ऐसी रिपोर्टें सामने आई हैं कि इस प्रकार के टैक्स को वापस ले लिया गया है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxes) ने बयान में कहा, ''यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर कानून की धारा 115एडी में संशोधन के बावजूद संबंधित प्रावधान में कोई बदलाव नहीं आया है. टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में संशोधन एवं रियायत) कानून 2020 के जरिए इस धारा में संशोधन के बावजूद कानून की धारा 194एलडी में संदर्भित ब्याज आय पर पांच प्रतिशत की रियायती दर से कर लगना जारी रहेगी.''
आयकर कानून की धारा 115एडी में जहां एफपीआई की आय पर टैक्सेशन के प्रावधान किए गए हैं वहीं धारा 194एलडी में विदेशी संस्थागत निवेशकों अथवा पात्र विदेशी निवेशकों की विभिन्न बॉंड पत्रों सरकारी प्रतिभूतियों से होने वाली ब्याज आय पर विद्होल्डिंग कर के बारे में उल्लेख किया गया है.बॉंड या ऋण पत्रों को जारी करने वाले इश्यूकर्ता को परिपक्वता राशि को एफपीआई के खाते में डालने से पहले पांच फीसदी टैक्स लेकर उसे सरकारी खजाने में जमा कराना होता है।undefined
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2021, 15:51 IST