जुलाई में भारत के 8 सबसे अहम कोर सेक्टर्स की ग्रोथ 4.5% रही है, जबकि जून में यह ग्रोथ 13.2% थी
नई दिल्ली. जुलाई में भारत के 8 सबसे अहम कोर सेक्टर्स की ग्रोथ 4.5% रही है, जबकि जून में यह ग्रोथ 13.2% थी. कॉमर्स मिनिस्ट्री की तरफ से 31 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इन सेक्टर्स की ग्रोथ में बड़ी गिरावट देखी गई है. जुलाई में 8 में से 6 कोर सेक्टर में आउटपुट बढ़ा है. इन 8 सेक्टर्स में कोल, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिसिटी, फर्टिलाइजर्स, सीमेंट और स्टील शामिल हैं.
भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल इसे पश्चिमी देशों में मंदी की आहट और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आर्थिक अनिश्चितता जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.
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रिजर्व बैंक ने सख्त की अपनी मॉनिटरी पॉलिसी
भारत के सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई की शुरुआत से ही अपनी मॉनिटरी पॉलिसी को सख्त करना शुरू कर दिया था. माना जा रहा है कि महंगाई पर लगाम लगाने के उद्देश्य से आने वाले महीनों में भी इसी तरह की वृद्धि और देखने को मिलेगी.
वित्त वर्ष 23 के लिए केंद्रीय बैंक ने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर और अंतिम 3 तिमाहियों के लिए GPD के 6.2 फीसदी, 4.1 फीसदी और 4.0 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा 31 अगस्त को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर पिछली तिमाही के 4.1 प्रतिशत से बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो गई.
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किस सेक्टर में क्या रहा?
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, जुलाई में कोयले का उत्पादन सालाना आधार पर 11.4 प्रतिशत बढ़ा और बिजली उत्पादन 2.2 प्रतिशत बढ़ा. एक साल पहले की तुलना में जुलाई में रिफाइनरी उत्पाद और उर्वरक उत्पादन दोनों में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
जुलाई में सीमेंट उत्पादन 2.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इस्पात उत्पादन 5.7 प्रतिशत बढ़ा. कच्चे तेल के उत्पादन में एक साल पहले के मुकाबले 3.8 फीसदी की गिरावट आई है. जुलाई में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 0.3 फीसदी गिरा.
जून के लिए कोर सेक्टर की वृद्धि को पहले के 12.7 प्रतिशत से संशोधित किया गया था. अप्रैल के लिए 8 प्रमुख क्षेत्रों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर को इसके 9.3 प्रतिशत के इंटरिम स्तर से संशोधित कर 9.5 प्रतिशत कर दिया गया. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अप्रैल-जुलाई के दौरान आठ क्षेत्रों की विकास दर 11.5 प्रतिशत थी.
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