बजाज ऑटो ने 10% सैलरी कट का फैसला वापस लिया
नई दिल्ली. कोविड-19 (COVID-19) संकट से ऑटो इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है. देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कंपनियां अप्रैल में व्हीकल नहीं बेच सकी हैं. ऐसे माहौल में देश की बड़ी ऑटोमेकर कंपनी बजाज ऑटो (Bajaj Auto) ने अपने कर्मचारियों को तोहफा देते हुए अप्रैल महीने की सैलरी में कटौती नहीं करने का फैसला किया है. यानी कंपनी कर्मचारियों को अप्रैल महीने की पूरी सैलरी देगी. बता दें कि इससे पहले कंपनी ने कैश रिजर्व बचाने के लिए सभी स्तर के कर्मचारियों की सैलरी में 10 फीसदी कटौती का प्रस्ताव दिया था. यह फैसला कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों के बंद होने के बाद उठाया गया था.
कर्मचारियों के लिए एक विज्ञप्ति में कंपनी ने कहा, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह एक ऐसा समय है जब हमें अपने दिमाग से अधिक अपने दिल से काम करना चाहिए. कंपनी ने अप्रैल की पूरी सैलरी देने के फैसला किया है. इससे पहले हम 15-30 अप्रैल की अवधि के लिए कर्मचारियों की सैलरी में कटौती के लिए तैयार थे.
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अप्रैल में जीरो सेल्स
देशव्यापी लॉकडाउन के चलते घरेलू बाजार में अप्रैल में बजाज ऑटो की बिक्री शून्य रही. कंपनी ने बीएसई को बताया कि अप्रैल माह में कंपनी ने टू-व्हीलर और कमर्शियल कैटेगरी में 37,878 यूनिट्स एक्सपोर्ट की.
कॉन्ट्रैक्ट वर्कर का बच्चा नहीं सोएगा भूखे पेट
कंपनी ने कहा, हमारे बिजनस की सफलता शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के हममें से हर कर्मचारी पर निर्भर करती हैं. ऐसे में हम इससे पहले कि समाज के बड़े हिस्से को मदद देने के लिए आगे बढ़ें, हम सबसे पहले अपने खुद के लोगों को सुरक्षित करने के लिए बाध्य हैं. जब तक हम मदद करने की स्थिति में रहेंगे, तब तक हमारे अंतिम पायदान के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर का एक भी बच्चा भूखे पेट नहीं सोएगा.
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