वैश्विक बाजारो में कॉटन के भाव (Cotton Rate) ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
नई दिल्ली. वैश्विक बाजारों में कॉटन के भाव (Cotton Rate) ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसका असर भारत पर भी हुआ है और यहां कॉटन के भाव भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. जिंस विश्लेषक अनुमान जता रहे हैं कि कॉटन में तेजी अभी थमेगी नहीं और आगे भी यह जारी रहेगी. कॉटन के रेट में भारी बढ़ोतरी कॉटन से बनने वाला सूती धागा भी 43 फीसदी महंगा हो चुका है. इसका असर सूती कपड़ों पर भी पड़ेगा और आगे आने वाले दिनों में ये महंगे होंगे.
वैश्विक स्तर पर कॉटन के दाम बढ़ने की प्रमुख वजह इस बार कम उत्पादन बताया जा रहा है. कॉटन एडवाइजरी कमेटी (Cotton Advisory Committee) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार पूरे विश्व में 26.4 मिलियन टन कॉटन का उत्पादन (world Cotton Production) होगा, जबकि खपत 26.2 मिलियन टन होगी. वहीं कोटलुक (Cotlook) के अनुसार, इस बार 25.5 मिलियन टन उत्पादन पूरे विश्व में कॉटन का होगा. वहीं कुल खपत 25.7 मिलियन टन रहेगी.
भाव रिकॉर्ड ऊंचाइ पर
सीएनबीसी टीवी-18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कॉटन के भाव रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं. एक कॉटन बेल (170 किलोग्राम) की कीमत 43,240 रुपये (Cotton Rate In India) हो चुकी है. वहीं कॉटन की वैश्विक कीमतों ने दस सालों के उच्चतम स्तर को छू लिया है. कॉटन की कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह वैश्विक कपास उत्पादन में कमी होना है. भारत सहित अमेरिका और मिस्र जैसे प्रमुख कपास उत्पादक देशों में उत्पादन कम हुआ है. भारत में भी इस बार प्रति एकड़ उत्पादन कम हुआ है. हरियाणा और पंजाब में तो कपास की फसल को गुलाबी सूंडी ने 70 फीसदी तक नुकसान पहुंचाया है.
वहीं चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और ब्राजील जैसे देश लगातार कॉटन की खरीद कर रहे हैं. चीन द्वारा इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले ज्यादा कॉटन खरीदा गया है. चीनी बाजार जानकारों का कहना है कि चीन के पास अब स्टॉक काफी कम रह गया है. इसलिए वह अपनी घरेलू मांग पूरा करने के लिए स्टॉक कर रहा है.
धागे के रेट बढ़े
भारत में इस बार कपास के भाव ऊंचे रहे हैं. कपास हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में कपास (Raw Cotton) का भाव 12,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए. वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी राज्यों में भी कपास का रेट 13000 रुपये तक जा पहुंचा. कताई मिलों को कच्चा माल महंगा मिलने के कारण ही अब सूती धागे का रेट भी पिछले साल के मुकाबले इस बार 43 फीसदी ज्यादा हो गया है. धागा महंगा होने का मतलब है कि सूती कपड़ों के रेट में भी इजाफा होगा.
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