Cryptocurrency
नई दिल्ली. Cryptocurrency- क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बेहद अहम भारतीय निवेशकों के लिए बेहद अहम खबर है. भारतीयों ने बिटकॉइन (Bitcoin), डॉगकॉइन (Dogecoin), एथेरियम (Ethereum), बिनेंस (Binance), रिपल (Ripple), मैटिक (Matic)और अन्य लोकप्रिय सिक्कों जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Digital currency) में अरबों डॉलर का निवेश किया है. पिछले साल के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग वॉल्यूम कई गुना बढ़ गई है. ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी में भारतीय निवेश अप्रैल 2020 में 923 मिलियन डॉलर से बढ़कर मई 2021 में लगभग 6.6 बिलियन डॉलर हो गया. आश्चर्य की बात यह है कि आरबीआई (RBI) या सरकार से इस पर कोई स्पष्ट रेगुलेशन नहीं होने के बावजूद भारतीयों द्वारा क्रिप्टो में यह निवेश बढ़ा है.
लॉकडाउन में निवेशकों की संख्या में इजाफा
RBI ने 2018 में बैंकिंग सुविधाओं को क्रिप्टो एक्सचेंजों (crypto exchange)तक सीमित करके एक तरह का प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. तब से, क्रिप्टो ट्रेडिंग और निवेश में भारतीय जुड़ाव कई गुना बढ़ गया है, विशेष रूप से कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के बाद वेतनभोगी युवाओं को उनके घरों तक सीमित कर दिया गया है, जिससे उन्हें तेजी से पैसा बनाने के नए तरीकों का पता लगाने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है.
अब आयकर विभाग मांगेगा ब्यौरा
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेज से लेनदेन करने वालों का ब्यौरा मांगा है. सूत्रों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाने वाले लोगों पर विभाग की नजर है. विभाग को आशंका है कि ट्रेडिंग करने वाले लोग अपनी वास्तविक आय छुपा रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को इनकम टैक्स की नोटिस में ट्रेडिंग करने वालों की सारी डिटेल्स मांगी गई हैं. IT विभाग ने Coins की लेनदेन का पूरा रिकार्ड मांगा हैं. आईटी विभाग की क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने वालों पर नजर है. विभाग को कमाई करके टैक्स चुराने की आशंका है. एक साल से बिटकॉइन समेत कई क्रिप्टो में तेजी आई है. WazirX, CoinDCX, Zebpay, UnoCoin क्रिप्टोकरेंसी के टॉप एक्सचेंज हैं. आईटी विभाग ने इनको नोटिस भेजी है.
आयकर विभाग को देनी चाहिए जानकारी
जैसे ही AY 2021-22 के लिए टैक्स फाइलिंग सीजन शुरू होता है, देश में कई क्रिप्टो निवेशक क्रिप्टो-डिजिटल व्यापार और पिछले वित्तीय वर्ष में निवेश से उनकी कमाई के कर निहितार्थ के बारे में चिंतित हो सकते हैं. आयकर विभाग ने अभी तक क्रिप्टो लेनदेन से अर्जित लाभ पर कर के प्रभाव के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता के अनुसार, भले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक वैध नहीं बनाया गया है, लेकिन इसके लाभ पर आयकर का भुगतान करने से बचना उचित नहीं है.
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क्रिप्टो लेनदेन पर कर का भुगतान कैसे करें?
सामान्य आयकर के अनुसार, एक्सपर्ट का कहना है कि क्रिप्टो-लेनदेन पर लाभ इन लेनदेन की प्रकृति और निवेशक के इरादे के आधार पर व्यावसायिक आय या पूंजीगत लाभ के रूप में कर योग्य हो जाएगा. “क्रिप्टो लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर ‘व्यावसायिक आय’ के रूप में कर लगाया जाएगा. यदि ट्रेड अक्सर हो रहे हैं और वॉल्यूम अधिक होते हैं, तो ‘पूंजीगत लाभ’ के रूप में कर लगाया जाता है. एक्सपर्ट की मानें तो प्रत्येक करदाता के लिए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और करदाताओं को एक विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए.
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देश में लॉन्च होगी अपनी Digital Currency
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर (T. Rabi Sankar) ने गुरुवार को कहा कि आरबीआई अपनी खुद की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित करने की रणनीति पर काम कर रहा है और इसे पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में पेश करने की प्रक्रिया में है.
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