नई दिल्ली. दिल्ली में मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर अक्टूबर से 5 महीने तक रोक लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले का खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट (CAIT) ने विरोध करते हुए रविवार को कहा कि इससे राष्ट्रीय राजधानी में कारोबार को नुकसान पहुंचेगा.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सर्दियों के दौरान फैलने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयास के तहत अक्टूबर 2022 से फरवरी 2023 तक राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम और भारी मालवाहक गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है. हालांकि सब्जियां, फल, अनाज, दूध एवं ऐसी अन्य जरूरी चीजें ढोने वाले वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में आने-जाने की अनुमति होगी.
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दिल्ली में बिजनेस होंगे प्रभावित
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस फैसले को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि इसके परिणामों पर विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. खंडेलवाल ने कहा कि इस फैसले से दिल्ली में बिजनेस प्रभावित होंगे क्योंकि पाबंदी वाले इन पांच महीनों में ही त्योहारों और शादियों का मौसम होने से व्यावसायिक गतिविधियां तेज रहती हैं.
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29 जून को व्यवसायी संघों की बैठक
कैट ने 29 जून को दिल्ली के अग्रणी व्यवसायी संघों की बैठक बुलाई है जिसमें आगे के कदमों पर विचार किया जाएगा. खंडेलवाल ने कहा कि इस फैसले से परिवहन कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित होगा इसलिए सीएआईटी परिवहन संगठनों से भी बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ हम मिलकर आंदोलन करेंगे.
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