नई दिल्ली. कोरोना (corona) की दूसरी लहर भले ही पहली लहर से ज्यादा खतरनाक रही हो, मौतें अधिक हुई हों, लेकिन फ्लाइट से सफर करने वाले पैसेंजर (flight passenger) पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर से कम डरे. यही वजह रही कि पहली लहर के दौरान (यानी वर्ष2020) की तुलना में तीसरी लहर ( यानी वर्ष2021) में 33 फीसदी अधिक यात्रियों ने हवाई सफर किया है. यहृ खुलासा डीजीसीए (DGCA report) द्वारा जारी रिपोर्ट के बाद हुआ है.
डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (Directorate General of Civil Aviation- DGCA) द्वारा वर्ष 2021 की रिपोर्ट में पूरे साल में 33 फीसदी पैसेंजरों की ग्रोथ दर्ज की गई. जबकि दूसरी लहर के पहली के मुकाबले ज्यादा खतरनाक थी. हालांकि पहली लहर में करीब दो माह फ्लाइट बंद रहीं हैं, इसके बावजूद औसत निकाला जाए तो पिछले वर्ष अधिक पैसेंजरों ने सफर किया है. हालांकि पूरे साल की तुलना में मई में कम पैसेंजरों ने हवाई सफर किया है. मई में कोरोना का पीक था, जब रोजाना कोरोना के चार लाख से अधिक मामले सामने आ रहे थे, अन्यथा इस महीने से पहले और बाद लोगों ने खूब हवाई सफर किया है.
डीजीसीए की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में दो करोड़ से अधिक पैसेंजरों ने सफर किया है. जहां वर्ष 2020 में 630.11 लाख पैसेंजरों ने हवाई सफर किया था, वहीं, पिछले वर्ष यानी 2021 में 838.14 लाख पैसेंजरों ने यात्रा की है. इसमें 747.47 लाख लोगों ने प्राइवेट फ्लाट्स से सफर किया तो 100.67 लाख ने एयर इंडिया से सफर करना पसंद किया है.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 की तुलना एयर इंडिया और अलाइंस एयर में मिलाकर 47.34 फीसदी पैसेंजर बढ़े हैं और प्राइवेट एयरलाइंस में 31.27 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है. अगर मार्केट शेयर की बात की जाए तो पहले की तरह आधे से अधिक यानी 54.8 का मार्केट शेयर इंडिगो का रहा है, दूसरे नंबर पर एयर इंडिया का 12 फीसदी और तीसरे नंबर पर स्पाइसजेट का 10.4 फीसदी माकेर्ट शेयर रहा है.
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