गूगल और फेसबुक ने वित्त वर्ष 2022 के दौरान भारत में एड सेल्स से 41,115 करोड़ रुपये की कमाई की है.
मुंबई. भारत में डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स को न्यूज़ रेवेन्यू शेयरिंग (News Revenue Sharing) यानी खबरों से होने वाली कमाई में साझेदारी को लेकर ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे कानूनों से बड़ी मदद मिल सकती है. इससे भारतीय डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स को गूगल और फेसबुक (Google & Facebook) जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स के साथ अपने फायदे को साझा करने के मामले में बातचीत करने में काफी फायदा मिल सकता है. डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स ऐसासिएशन के पहले डॉयलॉग (DNPA 1st Dialogue) में बोलते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रतिस्पर्धा व उपभोक्ता आयोग के पूर्व चेयरमैन रॉड सिम्स ने कहा कि भारतीय डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स को ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के बार्गेनिंग कोड्स से सीख लेनी चाहिए, जिसकी मदद से वे ग्लोबल टेक प्लेटफॉर्म्स के साथ अच्छा सौदा कर पाते हैं.
रॉड सिम्स ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने 2021 में न्यूज़ मीडिया एंड डिजिटल प्लेटफॉर्म्स मैनडेटरी बार्गेनिंग कोड पारित किया. इससे ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कंपनियों को दिग्गज टेक प्लेटफॉर्म्स के साथ रेवेन्यू शेयरिंग के मामले में मोलभाव करने में काफी आसानी हुई. ऑस्ट्रेलिया के कानून ने टेक प्लेटफॉर्म्स को मजबूर किया कि वे न्यूज कंटेंट से होने वाली कमाई को रीजनल न्यूज़ पब्लिशर्स के साथ साझा करें. बता दें कि 2021 में ऑस्ट्रेलिया में इस कानून को लागू कराने में रॉड सिम्स ने अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने सलाह दी कि भारत को इस कानून को कॉपी करके इस्तेमाल कर लेना चाहिए.
‘नियामक विवाद सुलझाने में कर सकते हैं मदद’
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई नियामक सिम्स ने कहा कि प्रतिस्पर्धा आयोग रेवेन्यू शेयरिंग और जवाबदेही के मामले में डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स व टेक दिग्गजों के बीच असहमति को सुलझाने में अहम भूमिका निभा सकता है. बता दें कि गूगल और फेसबुक ने वित्त वर्ष 2022 के दौरान भारत में एड सेल्स से 41,115 करोड़ रुपये की कमाई की है. डॉयलॉग के दौरान ऑस्ट्रेलिया के संचार मंत्रालय की पूर्व सलाहकार एमा मैक्डॉनाल्ड ने कहा कि गूगल और फेसबुक के साथ बातचीत करना काफी मुश्किल भरा काम था. ये दोनों टेक दिग्गज रेवेन्यू में साझेदारी को लेकर किसी मोलभाव के लिए तैयार ही नहीं होते थे. लेकिन, जब मीडिया कंपनियों ने कानून बनाने पर जोर दिया तो सरकार ने इस पर काम किया.
‘बार्गेनिंग कोड से बदला कवरेज का तरीका’
डीएनपीए के चेयरमैन तन्मय माहेश्वरी ने कहा, ‘भारतीय मीडिया जानती है कि उन्हें टेक प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर काम करना होगा, लेकिन डिजिटल न्यूज़ इको-सिस्टम की सीमाओं को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है.’ उन्होंने कहा कि डीएनपीए डायलॉग्स की मंशा और उद्देश्य- सही और कैसे बेहतर किया जा सकता है, की समझ को बढ़ाना ही है. इस दौरान ऑस्ट्रलिया इंस्टीट्यूट के निदेशक पीटर लुइस ने कहा कि बार्गेनिंग कोड ने खबरों को कवर करने का तरीका तक बदल दिया है. अब हमारे पास पहले से ज्यादा पत्रकार हैं. यही नहीं, पत्रकारिता के आचार व्यवहार में भी बदलाव आया है.
गूगल-फेसबुक ने भारत में की मोटी कमाई
स्टार न्यूज़ ग्रुप के प्रबंध निदेशक पॉल थॉमस ने कहा कि प्लेटफॉर्म्स और पब्लिशर्स के बीच संबंधों को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका मीडिया कंपनियों के बीच बेहतर तालमेल ही है. वहीं, मेलबर्न की आरएमआईटी यूनिवर्सिटी के सीनियर लेक्चरर जेम्स मेसे ने कहा कि कनाडा भी ऑस्ट्रेलिया जैसा कानून बनाने की पूरी तैयारी कर चुका है. बता दें कि गूगल इंडिया ने वित्त वर्ष 2022 के दौरान भारत में एड सेल्स से 24,926.5 करोड़ रुपये की कमाई की है, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 79.4 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी है. वहीं, फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेस ने पिछले साल के मुकाबले 74 फीसदी ज्यादा यानी 16,189 करोड़ रुपये की कमाई की है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Digital Platforms, Digital Reforms, Facebook, Facebook India, Google
15 में घर से भागी, बिन ब्याही हुई प्रेग्नेंट, फिर आनन-फानन इनसे रचाई शादी, ऐसी रही भोजपुरी एक्ट्रेस की लाइफ
63 साल के दूल्हे ने जब बेटी की उम्र वाली 23 साल की दुल्हन से की शादी, जानें विवाह करने वाले बुजुर्ग का बहाना
सूर्यगढ़ पैलेस में 8 तरह के कमरे हैं उपलब्ध, भव्यता में सब एक दूसरे से अलग; किराया जानकर फटी रह जाएंगी आंखें