त्योहारों पर मिलावटखोरी की घटनाएं और बढ़ जाती हैं.
नई दिल्ली. भारत में मिठाइयां खूब खाई जाती हैं. त्योहारी सीजन (Festive Season) में तो इनकी खपत और भी बढ़ जाती है. एक अनुमान के अनुसार देश में मिठाइयों का सालाना कारोबार 65 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है. दिवाली (Diwali) पर दूसरे किसी भी त्योहार के मुकाबले सबसे ज्यादा मिठाइयां बिकती हैं. दिवाली पर मिठाइयों की इस बंपर मांग ने ही देश में मिलावटी मिठाइयों का एक ऐसा बाजार तैयार कर दिया है जो इस त्योहारी सीजन में ही सैंकड़ों करोड़ का कारोबार कर लेता है.
पिछले कुछ वर्षों से चॉकलेट और ड्राई फ्रूट्स की मांग भी दिवाली पर बढ़ी है. इसी को देखते हुए मिलावटखोरों ने नकली चॉकलेट और घटिया गुणवत्ता के ड्राई फ्रूट्स भी बेचने शुरू कर दिए हैं. सूखे मेवों को ताजा दिखाने के लिए केमिकल्स का प्रयोग किया जा रहा है. इसके अलावा उन पर चमक लाने के लिए रंगों का प्रयोग किया जा रहा है. इसलिए आपको दिवाली पर मिठाई खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
क्यों बढ़ रही है मिलावट
देश में हर चीज की कीमतें बढ़ चुकी हैं. मिठाई बनाने के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री, जैसे दूध, घी, मावा, चीनी, मैदा सहित सभी चीजों के दाम बढ़े हैं. इससे मिठाई बनाने का खर्च बढ़ गया है. इस वजह से बहुत से दुकानदार मिठाई बनाने के लिए मिलावटी घी से लेकर नकली दूध, मावा और पनीर का प्रयोग करते हैं. दूसरी वजह त्योहारी सीजन में ज्यादा मांग के कारण न तो ग्राहक मिठाई की क्वालिटी को लेकर ज्यादा पूछ-परख करता है और न ही सरकार मिठाईयों की चेकिंग करती है. इस वजह से मिलावटी मिठाइयां ज्यादा बनाई और बेची जाती हैं.
जांच-परख कर खरीदें मिठाई
मिलावटी मिठाइया या कोई और खाद्य सामग्री किसी भी व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर सकती है. सबसे अधिक लोग पेट से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होते हैं. मिलावटी मिठाइयां खाने से लीवर पर सूजन आ जाना, फूड प्वाइजनिंग, पेट में दर्द जैसी समस्या ज्यादा होती हैं. इसलिए मिठाई खरीदते समय हमेशा सतर्कता बरतें.
जहां तक हो सके भरोसमंद दुकान से ही मिठाई खरीदें. सस्ती मिठाई के चक्कर में न पड़ें. मिठाई खरीदने से पहले उसे सूंघघकर और चखकर जरूर देखें. घटिया सामग्री से बनाई गई मिठाई के स्वाद और सुंगध में फर्क आ जाता है. इसी तरह अगर आप चॉकलेट खरीद रहे हैं तो पैकिंग को अच्छे से चेक करें. नकली चॉकलेट मशहूर ब्रांडों की नकली पैकिंग में ही बेची जाती हैं. इसी तरह ड्राई फ्रूट्स खरीदते समय भी उन्हें चखकर जरूर देखें.
ऐसे करें मावा की पहचान
बहुत से लोग घर में ही मिठाई बनाने को प्राथमिकता देते हैं. मिठाई बनाने के लिए मावे का खूब प्रयोग होता है. मावे की असली और नकली की पहचान के कई तरीके हैं. मावे में थोड़ी चीनी डालकर गर्म करें, यदि वह पानी छोड़ने लगे तो मावा नकली है.- थोड़ा मावा खाकर देखें अगर असली होगा तो मुंह में नहीं चिपकेगा जबकि, नकली मावा चिपक जाएगा. इसके अलावा मावे को हाथ पर रगड़ें. असली होने पर इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी.
यहां करें शिकायत
मिलावटी या नकली मिठाई या किसी भी अन्य सामग्री की शिकायत उपभोक्ता भी कर सकता है. इसके लिए जरूरी है कि उसके पास खरीदी गई मिठाई या सामग्री का बिल हो. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करके उपभोक्ता शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में मिलावटी मिठाइयों और अन्य नकली खाद्य सामग्री की शिकायत के लिए अलग-अलग विभाग हैं. जैसे मध्यप्रदेश में खाद्य और औषधि विभाग इस पर कार्यवाही करता है तो हरियाणा में खाद्य आपूर्ति विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है.
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