DHFL की बढ़ी मुसीबत! ऑडिटर ने पकड़ा 6182 करोड़ का एक और फर्जी लेनदेन

डीएचएफएल का एक और फर्जी लेनदेन पकड़ में आया.
दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के लेनदेन का ऑडिट कर रही ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) ने कहा कि कुछ ट्रांजेक्शन का मूल्य कम आंका (Undervalued Transactions) गया है. ऑडिटर ने कहा कि इसके जरिये 6,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी (Fraud) हुई है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 23, 2021, 5:43 AM IST
नई दिल्ली. दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) पहले ही कम मुसीबतों से नहीं जूझ रही है. अब ऑडिटर ने कंपनी के बड़े फर्जी लेनदेन (Fake Transactions) को पकड़ लिया है. कंपनी ने बताया कि उसके लेनदेन का ऑडिट कर रहे ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) ने 6,182 करोड़ रुपये के एक और फर्जी लेनदेन की जानकारी दी है. डीएचएफएल ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में सोमवार को कहा कि कंपनी के प्रशासक को ऑडिटर से एक प्राइमरी रिपोर्ट हासिल हुई है. इसमें कहा गया है कि कुछ लेनदेन में मूल्य को कम (Undervalued Transactions) आंका गया है. ये लेनदेन धोखाधड़ी वाले हैं.
दीवान हाउसिंग को हुआ 210 करोड़ के ब्याज का नुकसान
डीएचएफएल ने कहा कि इस धोखाधड़ी वाले लेनदेन का मूल्य 6,182.11 करोड़ रुपये आंका गया है. इसमें 210.85 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर हुए नुकसान (Interest Loss) के भी शामिल हैं. डीएचएफएल का प्रबंधन कंपनी में धोखाधड़ी का पता चलने के बाद अभी दिवाला व ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत नियुक्त प्रशासक के अधीन है. प्रशासक ने कंपनी की ओर से किए गए लेनदेन का ऑडिट करने के लिए ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है. बता दें कि फरवरी 2019 में केंद्र सरकार ने डीएचएफएल को कर्ज देने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) को कंपनी के फंड की हेराफेरी की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया था.
ये भी पढ़ें- बदल रहे हैं EPF के नियम! कर्मचारियों ने ज्यादा जमा किया फंड तो लगेगा इनकम टैक्स, जानें किस पर होगा सबसे ज्यादा असरडीएचएफएल ने बिना मंजूरी दे दी बड़े कर्ज को मंजूरी
दीवान हाउसिंग पर आरोप है कि उसने कॉरपोरेट मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) को जानकारी दिए बिना बड़े कर्ज की मंजूरी दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वांछित आतंकी दाऊद इब्राहीम के सहयोगी इकबाल मिर्ची से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीएचएफएल और अन्य कंपनियों के लगभग एक दर्जन परिसरों पर पिछले महीने छापेमारी की. डीएचएफएल का सबलिंक रियल एस्टेट से कथित तौर पर कारोबारी संबंध है. सबलिंक मिर्ची के साथ वित्तीय लेनदेन को लेकर की जा रही जांच के केंद्र में है. डीएचएफएल ने इस रियल एस्टेट कंपनी को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. हालांकि, डीएचएफएल का कहना था कि इस लेनदेन से उसका कोई संबंध नहीं है.
दीवान हाउसिंग को हुआ 210 करोड़ के ब्याज का नुकसान
डीएचएफएल ने कहा कि इस धोखाधड़ी वाले लेनदेन का मूल्य 6,182.11 करोड़ रुपये आंका गया है. इसमें 210.85 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर हुए नुकसान (Interest Loss) के भी शामिल हैं. डीएचएफएल का प्रबंधन कंपनी में धोखाधड़ी का पता चलने के बाद अभी दिवाला व ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत नियुक्त प्रशासक के अधीन है. प्रशासक ने कंपनी की ओर से किए गए लेनदेन का ऑडिट करने के लिए ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है. बता दें कि फरवरी 2019 में केंद्र सरकार ने डीएचएफएल को कर्ज देने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) को कंपनी के फंड की हेराफेरी की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया था.
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दीवान हाउसिंग पर आरोप है कि उसने कॉरपोरेट मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) को जानकारी दिए बिना बड़े कर्ज की मंजूरी दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वांछित आतंकी दाऊद इब्राहीम के सहयोगी इकबाल मिर्ची से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीएचएफएल और अन्य कंपनियों के लगभग एक दर्जन परिसरों पर पिछले महीने छापेमारी की. डीएचएफएल का सबलिंक रियल एस्टेट से कथित तौर पर कारोबारी संबंध है. सबलिंक मिर्ची के साथ वित्तीय लेनदेन को लेकर की जा रही जांच के केंद्र में है. डीएचएफएल ने इस रियल एस्टेट कंपनी को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. हालांकि, डीएचएफएल का कहना था कि इस लेनदेन से उसका कोई संबंध नहीं है.